उत्तराखंड की बेटियों ने संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में कमाल कर दिखाया है। इस देवभूमि की एक नहीं बल्कि तीन बेटियों ने देश की सर्वोच्च परीक्षा में अपनी प्रतिभा का परचम लहराया है। उधमसिंह नगर जिले की बेटी गरिमा नरुला, बागेश्वर जिले की गरुड़ की कल्पना पांडे और रुद्रपुर जिले के स्वीली-सेम गांव की कंचन ने संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में कामयाबी हासिल कर अपने गांव, जिले और प्रदेश नाम रोशन किया है।
उधमसिंह नगर के रुद्रपुर रहने वाली बेटी गरिमा नरूला ने यूपीएससी परीक्षा में 39वां स्थान प्राप्त किया है। अपने पहले ही प्रयास में गरिमा ने यह परीक्षा उत्तीर्ण की है। गरिमा के पिता विपिन नरूला एक व्यापारी और मां शारदा नरूला गृहणी हैं। गरिमा ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता, पिता और अपने पीसीएस अधिकारी मामा को दिया है। गरिमा के घर पर बधाई देने का तांता लगा हुआ है।
वहीं गरुड़ की ग्राम पंचायत दर्शानी के खड़ेरिया गांव निवासी कल्पना पांडे ने आईएएस परीक्षा उत्तीर्ण कर पूरे क्षेत्र का नाम रोशन किया है। कल्पना की इस उपलब्धि से पूरी कत्यूर घाटी में खुशी की लहर है। कल्पना तीन बहनों में सबसे छोटी हैं। कल्पना के पिता रमेश चंद्र पांडे गरुड़ बाजार में दुकान चलाते हैं, जबकि माता मंजू पांडे सीएचसी बैजनाथ में एएनएम है। कल्पना ने कक्षा 10वीं तक की शिक्षा सेंट एडम्स पब्लिक स्कूल से प्राप्त की है। इसके बाद आगे की पढ़ाई के लिए वह दिल्ली चली गई। कल्पना की इस उपलब्धि से पूरे गांव में खुशी की लहर है।
दर्शानी गांव के साहित्यकार मोहन जोशी,उच्च न्यायालय नैनीताल के अधिवक्ता डीके जोशी पूर्व प्रधानाचार्य नंदन सिंह अल्मिया और सामाजिक कार्यकर्ता हरीश जोशी ने इसे क्षेत्र के लिए बड़ी उपलब्धि बताते हुए कहा कि आज गरुड़ के बच्चे प्रत्येक क्षेत्र में आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने अभिभावकों से बच्चों को एक अच्छा माहौल देने को कहा है।
रुद्रप्रयाग जनपद के पश्चिम भरदार की लाडली कंचन डिमरी का आईएएस में चयन हुआ है। उनकी कामयाबी पर न केवल स्वीली-सेम गांव, बल्कि रुद्रप्रयाग जनपद सहित प्रदेश में खुशी की लहर छा गई है। कंचन बहुत ही सामान्य परिवार में पली-बढ़ीं। उन्होंने स्वयं के संसाधनों से इस सफलता को हासिल किया है।
कंचन डिमरी मुख्यालय से सटे गांव स्वीली-सेम की रहने वाली हैं। स्वर्गीय घनानंद डिमरी की सुपौत्री और देवी प्रसाद डिमरी की पुत्री कंचन डिमरी के आईएएस में चयन होने से सम्पूर्ण परिवार में खुशी का माहौल है। कंचन के पिता देवी प्रसाद डिमरी बीते कई वर्षों से दिल्ली में एक प्राइवेट कंपनी में सामान्य नौकरी पर हैं। बेटी ने अपनी मेहनत और स्वयं के संसाधनों से सिविल सेवा परीक्षा में सफलता पाई है। कंचन ने बताया कि उन्होंने कठिन परिश्रम करते हुए सिविल सेवा परीक्षा में सफलता पाई है। उन्होंने बताया कि मन में दृढ़ संकल्प था कि वह अपने लक्ष्य को पाने में जरूर कामयाब होंगी।
प्रसिद्ध कथा ब्यास डॉ. शंशाक शेखर डिमरी ने बताया कि दिल से बहुत प्रसन्नता हो रही है कि रुद्रप्रयाग जनपद के पश्चिम भरदार से शायद पहली बार हमारे गांव के आसपास क्षेत्र से किसी ने भारत की सर्वोच्च सेवा आईएएस में कामयाबी पाई है। उन्होंने कहा कि कंचन ने संपूर्ण परिवार का नाम रोशन किया है। उन्हाेंने बताया कि एक सामान्य परिवार में पली बढ़ी और शिक्षा लेने वाली कंचन आने वाले बच्चों के साथ ही समाज के लिए प्रेरणास्रोत बन गई हैं।