उत्तराखंडः ग्लेशियर टूटने के बाद 291 लोगों को बचाया गया

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चमोली जिले की  भारत-चीन सीमा के नीति घाटी सुमना के पास ग्लेशियर टूटने से नुकसान की कोई खबर नहीं है। ग्लेशियर टूटने के बाद वहां फंसे 291 लोगों को अबतक बचाया गया है। शनिवार सुबह चमोली पहुंचने पर मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने बताया कि देर रात ग्लेशियर टूटने की घटना पर  गृहमंत्री अमित शाह ने तुरंत संज्ञान लिया और मदद का आश्वासन दिया है।
जोशीमठ से लगभग 94 किलोमीटर आगे सुमना. 2 में क्यू गाड़ वैली के निकट यह ग्लेशियर टूटा है। ग्लेशियर टूटने की वजह से बीआरओ के दो लेबर कैंप इसकी चपेट में आए थे। कैंप में रह रहे लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। घटना से करीब तीन किमी की दूरी पर आर्मी कैंप है। जो पूरी तरह से सुरक्षित है। घटना के तुरंत बाद ही सेना ने रेस्क्यू अभियान शुरू कर दिया था। बचाव व राहत कार्य जारी है। बताया जा रहा है कि क्षेत्र में तीन दिनों से बेहद खराब मौसम बना हुआ है। बावजूद इसके राहत व बचाव का कार्य युद्धस्तर पर जारी है।
मुख्यमंत्री तीरथ रावत ने बताया कि नीती घाटी के सुमना में ग्लेशियर टूटने की सूचना मिली है। इस संबंध में मैंने एलर्ट जारी कर दिया है। एनटीपीसी एवं अन्य परियोजनाओं में रात के समय काम रोकने के आदेश दे दिए हैं ताकि कोई अप्रिय घटना ना होने पाये।
मुख्यमंत्री ने बताया कि गृहमंत्री अमित शाह ने नीति घाटी के सुमना में ग्लेशियर टूटने की सूचना का तत्काल संज्ञान लिया। इस घटना को गंभीरता से लेते हुए उत्तराखंड को पूरी मदद देने का आश्वासन दिया है और आईटीबीपी को सतर्क रहने के निर्देश दिये हैं।
वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी के निदेशक डॉ. कालाचाँद सांई का कहना है कि पिछले तीन दिनों से बर्फबारी से उच्च हिमालयी क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर बर्फ एकत्रित हो गई है।  जिसके चलते स्नो एवलांच की पूरी संभावना है। एवलांच की सबसे अधिक संभावना उन पहाड़ियों पर अधिक होती हैं जिनका ढलान बहुत अधिक होता है।