नई दिल्ली, गंगा की साफ-सफाई को लेकर 24 जून से ऋषिकेश में अनशन कर रहे संत गोपालदास पुलिस-प्रशासन से खासे खफा हैं। फिलहाल संत गोपालदास चंडीगढ़ के पीजीआई अस्पताल के 22 नंबर वार्ड में भर्ती हैं।
संत गोपालदास ने बताया कि पीजीआई अस्पताल प्रशासन अपनी रिपोर्ट में उनकी हालत स्थिर बताता है और ऋषिकेश के एम्स वापस जाने देने की सिफारिश करता है लेकिन दो बार पुलिस उन्हें ऋषिकेश ले जाने के क्रम में ऊपरी दबाव में बीच रास्ते से वापस ले आई।
संत गोपालदास ने कहा कि, “अगर हमारी मांगें पूरी हो गई होतीं तो प्रोफेसर जीडी अग्रवाल को अनशन आगे बढ़ाने की जरूरत नहीं पड़ती। उन्होंने कहा कि सरकार की कथनी और करनी में फर्क है। संत गोपालदास ने कहा कि अगर धरातल पर काम हुए होते तो जीडी अग्रवाल दुनिया छोड़कर नहीं जाते।”
गौरतलब है कि इसी महीने की 11 तारीख को प्रो. अग्रवाल ने 22 जून से जारी अनशन के क्रम में देह त्याग दिया। संत गोपालदास के मुताबिक सरकार के निर्देशों पर उनके अस्पताल बदले जा रहे हैं लेकिन सरकार का कोई भी नुमाइंदा उनकी बात सुनने को तैयार नहीं है। उन्हें 18 अक्टूबर को ऋषिकेश के एम्स ने पीजीआई, चंडीगढ़ रेफर किया था। एक दिन पहले यानी 23 अक्टूबर को ही प्रो. जीडी पुरी की अगुवाई में एक मेडिकल टीम ने उनकी जांच कर ऋषिकेश के एम्स में वापस भेजने की सिफारिश की और इस संबंध में चंडीगढ़ पुलिस को सूचित भी कर दिया। फिर भी अभी तक इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं गई है।