क्षेत्रीय भाषाओं में यात्रियों को मिलेगी जानकारियां

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चार धाम
Chardham Yatra

चारधाम यात्रा में भाषा का बैरियर इस समय हैल्थ डिर्पाटमेंट के लिए सबसे बड़ी परेशानी बनी हुआ है। इस परेशानी से पार पाने के लिये स्वास्थ विभाग क्षेत्रीय भाषाओं मं भी पर्यटकों को जानकारियां मुहैया करायेगा। इस बारे में जानकारी देते हुए गढ़वाल कमिश्नर विनोद शर्मा,जो कि चारधाम यात्रा के नोडल आॅफिसर हैं उन्होंने बताया कि “सभी स्वास्थ संबंधी और जरुरी सूचनाएं अंग्रेजी और दूसरे क्षेत्रीय भाषाओं में ट्रांसलेट की जाऐंगी।” उन्होंने कहा कि “मैं अधिकारियों से कहूंगा कि सभी दिशानिर्देश और जरुरी सूचनाओं को अंग्रेजी और क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद करके बताया जाए। हम सोशल मीडिया के जरिए भी सूचनाओं को लोगों तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।”

चाररधाम यात्रा के दौरान अलग-अलग राज्यों से आने वालों यात्रियों के साथ बातचीत करना राज्य के स्वास्थ्य विभाग के लिए परेशानी की सबब बनते जा रहा है। यह परेशानी सबसे ज्यादा दक्षिण के राज्यों के साथ आ रही है।विभाग के अधिकारियों के अनुसार, चारधाम यात्रा पर आने वाले सभी यात्रियों को यह निर्देश दिया गया है,कि यात्रा के दौरान लगाए गए सभी मेडिकल फिटनेस पर लोग अपना हेल्थ चेकअप कराएं। चेकअप के साथ सभी यात्रियों को ऊचांई वाले स्थान पर जाते समय लेने वाले प्रिकाशन के बारे में भी बताया जा रहा है।

उत्तराखंड हैल्थ डायरेक्टर जनरल डा.डी.एस रावत ने बताया कि “केदारनाथ और बद्रीनाथ जाने वाले यात्रियों(यहां पहुंचने के लिए ऊंची ट्रेकिंग की जरुरत पड़ती है) का रुटीन चैकअप किया जा रहा। हालांकि बहुत से लोग जो साउथ के राज्यों से आ रहें उन्हें हिंदी के साथ साथ अंग्रेजी भी समझने में दिक्कत आ रही। ज्यादा दिक्कत तब हो रही जब हम स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के बारे में पूछ रहें।”

स्वास्थ विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि “हम यह प्लान कर रहे कि जब भी हमें जरुरत हो तो अपने स्टाफ से मदद लें (जो साउथ स्टेट के रहने वाले हैं)”। यात्रियों की सहूलियत के लिए केदारनाथ के रास्ते में कुल 12 मेडिकल रिलीफ पोस्ट के जरिए मेडिकल चेकअप और दूसरी सुविधाएं दी जा रही हैं। इसके अलावा यमुनोत्री के रास्ते में कुल 6 फर्स्टएड मेडिकल रिस्पांस पोस्ट में डाक्टर,फार्मासिस्ट,टेक्निशियन और पैरामेडिकल की सुविधांए यात्रियों को दी जा रही हैं।

इस साल चारधाम यात्रा की शुरुआत 28 अप्रैल से हुई और अब तक लगभग 5.5 लाख लोगों ने यह यात्रा कर ली है। इसके अलावा यात्रा के दौरान अब तक कुल 29  लोगों की मौत भी हो चुकी है, जिसमें ज्यादातर जानें दिल का दौरा पड़ने से गई हैं।