राज्य सरकार ने आखिरकार राज्य के तमाम पर्यटक स्थलों और खासतौर चारधाम य़ात्रा मार्ग पर आये दिने लगने वाले ट्रैफिक जाम को समस्या मान लिया है। सरकार ने ये आश्वासन भी दिलाया है कि वो इसके निस्तारण के लिये लोंग और शाॅर्ट टर्म उपायों पर काम कर रही है। विधानसभा में कांग्रेस के विधायक काज़ी निजाम्मुद्दीन ने ये मुद्दा उठाते हुए कहा कि “ट्रैफिक की समस्या हर साल उत्तराखंड आने वाले लाखों श्रद्धालुओं को परेशान करती है। ये ही नहीं इस समस्या के चलते शहरों में रहने वाले आम लोगों को भी खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है। चारधाम यात्रा ही नहीं मसूरी नैनीताल जैसे पर्यटक स्थलों पर भी ट्रैफिक एक बड़ी समस्या बन गया है।” काज़ी ने ये भी कहा कि धार्मिक पर्यटन के लिये आने वाले लोग भले ही आस्था के चलते राज्य में आते रहें लेकिन पर्यटन की लिहाज़ से अगर हालात ऐसे ही रहे तो लोग आस पास के राज्यों के पर्यटक केंद्रों का रुख करने लगेंगे।
इस मुद्दे पर बोलते हुए शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि “सरकार मानती है कि ट्रैफिक मैनेजमेंट एक बड़ी दिक्कत बन रहा है। और इसके लिये सरकार लोंग और शाॅर्ट टर्म उरायों पर तेज़ी से काम कर रही है” कौशिक ने कहा कि ट्रैफिक की समस्या के स्थायी समाधान के लिये
- चारधाम आॅल वेदर रोड
- ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल मार्ग का निर्माण
- शहरों में रिंग रोड के मिर्माण के लिये तेजी से काम चल रहा है।
वहीं फिलहाल ट्रैफिक जाम से लोगों को कम से कम दिक्कतों का सामना करना पड़े इसके लिये ज्यादा से ज्यादा पुलिस और ट्रैफिक पुलिस को ट्रैफिक के लिहाज से संवेदनशील इलाकों में तैनात किया जा रहा है। मामला लोगों से जुड़ा हो और राजनीतिक बयानबाज़ी न हो ऐसा हो नहीं सकता। मदन कौशिक ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा कि पिछली सरकार के पास ट्रैफिक से निपटने के लिये कोई स्थायी समाधान नहीं था। इस साल यात्रा सीजन शुरू होने के बाद से अब तक करीब 15 लाख श्रद्धालु उत्तराखंड आ चुके हैं जो कि पिछले साल के कुल यात्रा सीजन में आये श्रद्धालुओं के बराबर है।