टिक टॉक: सरकार ने गूगल और एप्पल से टिक टॉक एप हटाने को कहा

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टिक टॉक एप की भारत में मुसीबत कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। मामले से जुड़े हुए दो लोगों ने बताया है कि गूगल और एप्पल दोनों से ही सरकार ने अपने एप स्टोर से इस चीनी शॉर्ट वीडियो मोबाइल एप को हटाने की बात कही है। ये कदम इलेक्ट्रॉनिक्स और इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी मंत्रालय द्वारा उठाया गया है। मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले के बाद कदम उठाया है, जिसमें कोर्ट ने मद्रास हाईकोर्ट के फैसले पर स्टे लगाने से इनकार कर दिया था।

इस मामले की सुनावाई मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ कर रही है। मामले की सुनवाई 22 अप्रैल के लिए टाल दी गई है। मद्रास हाईकोर्ट ने मामले पर 16 अप्रैल को सुनावाई कर सकती है। मंत्रालय के आदेश के बाद इस एप को डाउनलोड नहीं किया जा सकेगा। हालांकि जो लोग पहले से इस एप को डाउनलोड कर चुके हैं वह इसका इस्तेमाल कर सकेंगे।

इकोनॉमिक टाइम्स की खबर के मुताबिक मामले से जुड़े एक व्यक्ति ने बताया, ‘हाईकोर्ट ने सरकार को टिक टॉक एप पर रोक लगाने का निर्देश दिया था। मंत्रालय गूगल और एप्पल एप स्टोर से इस एप को डिलिट कराकर सुनिश्चित कर रहा है। अब ये कंपनी के ऊपर है कि वह ऐसा करती है या फिर आदेश की मांग करती है।’ मद्रास हाईकोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए 3 अप्रैल को टिक टॉक एप पर बैन लगाने की बात कही थी।

इतना ही नहीं कोर्ट ने मीडिया कंपनियों पर भी टिक टॉक के वीडियो टेलीकास्ट करने पर रोक लगाई है। सोमवार को बाइटडांस के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने बैन पर स्टे की मांग की और कहा कि इससे कंपनी की छवी खराब होगी। बता दें कि टिक टॉक का मालिकाना हक बाइटडांस के पास है।