तीर्थ पुरोहितों के नाम पर सरकार पूरी तरह सतर्क हो गई है। उत्तराखंड सरकार इन दिनों केदारनाथ धाम में डटी हुई है। मुख्यमंत्री धामी बुधवार को दूसरी बार अपने सहयोगी मंत्री और विधायकों के साथ केदारपुरी पहुंचे हैं और यहां की व्यवस्थाओं का आंकलन किया।
इतना ही नहीं मुख्यमंत्री ने देवस्थानम बोर्ड गठन से नाराज तीर्थ पुरोहितों से भी बातचीत की और उन्हें भरोसा दिलाया कि वह उनकी भावनाओं का सम्मान करते हैं तथा जो भी फैसला देवस्थानम बोर्ड पर लेंगे वह उनकी सहमति से ही लिया जाएगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ आज सरकार के तीन मंत्री केदारनाथ धाम पहुंचे। इनमें मंत्री डॉ हरक सिंह, सुबोध उनियाल और स्वामी यतीश्वरानंद सहित अन्य तमाम सहयोगियों के साथ केदारनाथ धाम इन तीर्थ पुरोहितों से वार्ता करने ही पहुंचे हैं। तीर्थ पुरोहितों के साथ हुई बैठक में धामी ने उन्हें भरोसा दिलाया है कि वह जो भी फैसला लेंगे वह उनकी सहमति से और उनकी भावनाओं के अनुरूप ही लिया जाएगा।
सीएम धामी का अभी पहला उद्देश्य प्रधानमंत्री मोदी के दौरे को दिव्य, भव्य और सफल बनाना ही है। मोदी के इस मेगास्टार शो में किसी तरह का विघ्न अगर तीर्थ पुरोहितों द्वारा डाला जाता है तो वह उनके साथ सरकार की छवि को खराब कर सकता है। इसका संदेश देशभर में गलत जाएगा। इसी सबसे बचने के प्रयास में उत्तराखंड की पूरी सरकार और प्रशासन जुटा हुआ है। दूसरी तरफ इस मेगा इवेंट को सफल बनाने की तैयारियां जोरों से चल रही हैं।
बाबा केदारनाथ के मंदिर को सैकड़ों क्विंटल फूलों से सजाया गया है। क्योंकि आने वाले तीन दिनों में पूरे प्रदेश की निगाहें बाबा केदार धाम पर ही रहेंगी। कल दीपावली है और 5 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र माेदी का दौरा है, जहां वह दो-तीन घंटे रुकेंगे। 6 नवंबर को धाम के कपाट बंद होंगे और बाबा की चल विग्रह डोली रवाना होगी।