नई दिल्ली, सरकार थोक खरीदारों के लिए चावल के आरक्षित मूल्य में लगभग 500 रुपये प्रति क्विंटल की कटौती करने पर विचार कर रही है। हालांकि, गेहूं की कीमत में कटौती की कोई योजना नहीं है। देश में चावल के भारी बफर स्टॉक होने के बीच यह कदम उठाया जा रहा है।
सरकारी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सरकार 2019-20 में खुले बाजार में सेल स्कीम (ओएमएसएस) के तहत केंद्रीय पूल स्टॉक से बिक्री को बढ़ावा देने के लिए चावल के आरक्षित मूल्य को 2,785 रुपये प्रति क्विंटल से घटाकर 2,250 रुपये प्रति क्विंटल करने पर विचार कर रही है। हालांकि गेहूं के आरक्षित मूल्य में किसी भी संशोधन की कोई योजना नहीं है। गेहूं का बेस बेस प्राइस वर्तमान में 2,080 रुपये प्रति क्विंटल है।
खाद्यान्नों की खरीद और वितरण के लिए सरकार की नोडल एजेंसी एफसीआई द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक उसके पास 23.1 मिलियन टन चावल और 37.3 मिलियन टन गेहूं है। एफसीआई ने वित्त वर्ष 2019-20 में थोक उपभोक्ताओं को 10 मिलियन टन गेहूं बेचने का फैसला किया है, जो गत वर्ष की तुलना में 40 प्रतिशत अधिक है। पिछले वित्त वर्ष के दौरान एफसीआई ने सात मिलियन टन गेहूं बेचा था। देश में वर्तमान खाद्यान्न भंडारण क्षमता लगभग 88 मिलियन टन का है ।
उल्लेखनीय है कि खाद्य मंत्रालय भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) द्वारा बफर स्टॉक में संग्रहीत गेहूं और चावल बेचने के लिए खुले बाजार में सेल स्कीम (ओएमएसएस) चलन में है।