उत्तराखंड सरकार ने प्रदेश के निजी अस्पतालों में कोविड के उपचार की दरें तय कर दी हैं। भारत सरकार द्वारा निजी अस्पताल में मरीजो के उपचार के लिये डॉ विनोद पाल वाली की अध्यक्षता में नीति आयोग की समिति का गठन किया था। इसी समिति की सिफारिशों पर सर्वसम्मति से मुहर लगा दी गई है। इस बारे में स्वास्थ्य सचिव अमित सिहं नेगी ने सभी जिलाधकरियों औऱ मुख्य चिकित्सा अधिकारी को बीते बुधवार को सर्कुलर जारी कर दिया है।
स्वस्थ्य सचिव अमित नेगी ने बताया कि निजी अस्पतालों को कोविड मरीज के इलाज के लिये बिंदुवार दरें तय की है। सर्कुलर के मुताबिक
- एनएबीएच श्रेणी के अस्पताल में आईशूलेशन बैड, ऑक्सीजन का प्रतिदिन का चार्ज दस हजार रुपये तय किया गया है
- नॉन एनएबीएच श्रेणी के अस्पताल में आईशूलेशन बैड, ऑक्सीजन का चार्ज आठ हजार रुपये तय किया गया है,
- एनएबीएच श्रेणी के अस्पताल में आईसीयू रूम बिना वेंटिलेटर का चार्ज पंद्रह हजार रुपये प्रतिदिन रखा गया है।
- नॉन एनएबीएच श्रेणी के अस्पताल में आईसीयू रूम बिना वेंटिलेटर का तेरह हजार प्रतिदिन का चार्ज रखा गया है।
- एनएबीएच के अस्पताल में आईसीयू औऱ वेंटिलेटर का चार्ज अठारह हजार रुपये प्रतिदिन तय किया गया है,
- जबकि नॉन एनएबीएच श्रेणी के अस्पताल में आईसीयू ,वेंटिलेटर का चार्ज पंद्रह हजार रुपये प्रतिदिन का तय किया गया है।
सरकार की निजी अस्पतालों में कोविड की दर तय करने के बाद आम लोगो का निजी अस्पतालों में इलाज काफी मुश्किल जरूर हो गया है क्योंकि ये दरें इतनी ज्यादा है कि किसी भी सामान्य मरीज का निजी अस्पताल में इलाज करना उसकी जेब पर बहुत बड़ी मार है।