डेंगू रोकथाम के लिए सरकारी विभाग हुआ एकजुट

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Dengue
Dengue spreading wings in Dehradun
डेंगू का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है। रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग के अलावा अन्य सरकारी विभाग भी आगे आये हैं। जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन और निगम प्रशासन की पहल पर डेंगू निवारण के लिए बनाई गई कार्ययोजना को अमलीजामा पहनाने के लिए मंगलवार को पुलिस लाईन में कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला में शिक्षा, स्वास्थ्य, पुलिस, सिविल डिफेंस, फायर, होमगार्ड एवं राजस्व विभाग के एक हजार से अधिक कार्मिकों ने हिस्सा लिया।
कार्यक्रम में मेयर सुनील उनियाल गामा ने जनजागरुकता फैलाने के लिए जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन की इस मुहिम के लिए धन्यवाद दिया। कहा कि सामाजिक प्रयासों से डेंगू निवारण व प्लास्टिक निषेध पर लोगों को अधिकाधिक जागरूक किया जाय। मुख्य नगर आयुक्त विनय शंकर पाण्डेय ने ने बताया कि नगर निगम सभी 100 वार्डों में सभी विभागों के कार्मिकों की टीमें जाकर डेंगू से बचने के उपायों की जानकारी देंगी। जिससे आमजनमानस में व्याप्त डेंगू के भय को दूर किये जाने में मदद मिलेगी।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अरूण मोहन जोशी ने सभी पुलिस कार्मिकों को डेंगू निवारण हेतु गठित टीमों के साथ सहयोग कर जनजागरूकता का कार्य करने को कहा। अभियान को सफल बनाने के लिए रचनात्मक सहयोग देने की अपील की ताकि सभी सहयोग से डेंगू का सफाया किया जा सके।
डेंगू के लक्षण और बचाव
मुख्य चिकित्साधिकारी डाॅ एस.के गुप्ता बताया कि डेंगू बरसात के मौसम में माह जुलाई से अक्टूबर तक फैलता है। डेंगू के लक्षणों के बारें में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि डेंगू में अचानक तेज सिर दर्द व बुखार होना, मांसपेशियों तथा जोड़ों में तेज दर्द होना, आंखों के पीछे दर्द होना, जो कि आंखों को घुमाने से बढ़ता है, जी मचलाना एवं उल्टी होना, गंभीर मामलों में नाक, मुंह, मसूड़े से खून आना अथवा त्वचा पर चकत्ते उभरना प्रमुख है।
उन्होंने डेंगू से बचने के उपायों की जानकारी देते हुए बताया कि डेंगू फैलाने वाला मच्छर रूके हुए साफ पानी में पनपता है, जैसे कूलर का पानी, खुली पानी की टंकी, पक्षियों व पशुओं के पीने के पानी का बर्तन, फ्रिज की ट्रे, फूलदान, नारियल का खोल, टूटे हुए बर्तन, टायर, डिस्पोजल बर्तन-गिलास दोने आदि। उन्होंने पानी से भरे हुए बर्तनों व टंकियों आदि को ढक कर ही रखनें, प्रत्येक सप्ताह कूलर को खाली करके सुखा कर ही उपयोग में लानें की बात कही। उन्होंने बताया कि डेंगू के उपचार के लिए कोई खास दवा व वैक्सीन नही होती है। बुखार उतरने के लिए पैरासीटामोल लिया जा सकता है। एस्प्रीन या इबुब्रेफेन का इस्तेमाल न किया जाय। उन्होंने बताया कि डेंगू के रोगी को प्लेटलेट्स की आवश्यकता होती है ऐसी स्थिति होने पर चिकित्सक की सलाह ली जाय।
100 टीमें गठित 
डेंगू रोकथाम के लिए 100 टीमें बनाई गयी हैं। जिनमें स्वास्थ्य, नगर निगम, पुलिस, जिला प्रशासन, शिक्षा विभाग के अध्यापक/अध्यापिकाएं शामिल होंगी। जिनके द्वारा सभी वार्डों में घर-घर जाकर लोगों को डेंगू के प्रति जागरूक किया जायेगा।