गांवों से पलायन रोकने में असफल रही है सरकार: उक्रांद

0
969
टिहरी

विकासनगर। उत्तराखंड क्रांति दल की गांव बसाओ, प्रदेश बचाओ यात्रा शुक्रवार को पछवादून व जौनसार-बावर परगने में पहुंची। गांवों में जन संपर्क अभियान के दौरान दल के पूर्व केंद्रीय उपाध्यक्ष सुरेंद्र कुकरेती ने प्रदेश सरकार पर गांवों से हो रहे पलायन को रोकने में असफल रहने का आरोप लगाते हुए कहा कि गांवों के विकास के बजाय सरकार उन्हें भुतहा गांव करार देते हुए लोगों के मन गांवों के प्रति अविश्वास पैदा कर रही है।
राज्य गठन के बाद से ही गांवों तक विकास की किरण नहीं पहुंचने से शहरों से सटे गांव की पलायन की त्रासदी झेल रहे हैं। कहा कि गांवों के खाली होने से अलग प्रदेश की अवधारणा ही समाप्त हो गई है। कहा कि पहाड़ से चुने जन प्रतिनिधि भी देहरादून में ही डेरा डाले हुए हैं जिससे गांव व ग्रामीणों की समस्याओं का अंत नहीं हो रहा है। कहा कि राज्य की स्थाई राजधानी गैरसैण घोषित करने से पहाड़ों में विकास की किरण पहुंचेगी। सरकार को गांवों के विकास के लिए पहाड़ी क्षेत्र पर आधारित कृषि नीति बनानी होगी। इसके साथ ही किसानों की कर्जमाफी, जानवरों से फसलों की सुरक्षा, किसानों को हक हकूक व खेतों से चुगान का अधिकार दिया जाना चाहिए। कहा कि प्रदेश में कृषि को बढ़ावा देकर ही गांवों से पलायन पर रोक लगाई जा सकती है। उन्होंने राज्य की जनता की सुविधा के लिए बिजली व पानी को कर मुक्त करने की मांग सरकार से की है। इसके साथ ही उक्रांद कार्यकर्ताओं ने ग्रामीणों को अपनी समस्याओं के निराकरण व पलायन रोकने के लिए एक मंच पर आने को कहा। यात्रा में दिगंबर भंडारी, देवेंद्र कंडवाल, सुशील ममगाई, विलास गौड़, मुनाफत अहमद, विजेंद्र रावत, बीना भंडारी, ज्योति त्रिपाठी आदि शामिल रहे।