काॅर्बेट और राजाजी में बढ़ गई है बाघों की संख्या!!

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मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बुधवार को कार्बेट और राजाजी टाईगर रिजर्व में बाघो की गणना के 2016-17 के ताजे आंकडे़ जारी किये। इन आंकड़ों के मुताबिक कार्बेट टाईगर रिजर्व में 208 खास बाघ और राजा जी टाइगर रिजर्व में 34 बाघों की पहचान की गई है। पिछले साल यह संख्या कार्बेट टाईगर रिजर्व में 163 एवं राजा जी टाईगर रिजर्व में 16 थी। मुख्यमंत्री ने इन आंकड़ों पर वन विभाग के अधिकारियों की पीठ थपथपाई। उन्होंने कहा कि 340 बाघों के साथ क्षेत्रफल के अनुपात में बाघों की संख्या के मामले में उत्तराखण्ड देश का नम्बर एक राज्य है। वहीं सर्वाधिक संख्या 400 के साथ कर्नाटक प्रथम स्थान पर है। 

tiger census

कार्बेट टाइगर रिजर्व।

कार्बेट टाइगर रिजर्व की सभी रेंजो में ग्रिड के आधार पर 535 कैमरे उपयोग में लाए गए। इस प्रकार कार्बेट टाइगर रिजर्व की कुल 25453 ट्रैप नाईट से 424870 फोटो मिले ।  जिसमें 142 बाघों के दोनो बायें तथा दांये पहलू (फ्लेंक) प्राप्त हुए। 66 विश्ष्टि बाघों के केवल बांये पहलू प्राप्त हुए। बाघों की गणना बांये पहलू का आधार मानकर की गयी है। 96 बाघों के दांये पहलू प्राप्त हुए जिनका मिलान नही किया गया तथा जिन्हें गणना में सम्मिलित नही किया गया हैं।

राजाजी टाइगर रिजर्व।

राजाजी टाइगर रिजर्व के अन्तर्गत न्यूनतम 34 बाघों तथा 05 शावकों की पहचान की गयी। वर्ष 2014 में किये गये अखिल भारतीय बाघ गणना में यह संख्या 16 पायी गयी थी।

गौरतलब है कि राज्बयभर से लगातार बाघों के शिकार या मौत की खबरें आती रही हैं। जानकरा भी इस मामले को बाघों की सुरक्षा से जुड़ा गंभीर मामला मान रहे हैं। बहरहाल सरकार ने तो आंकड़े जारी कर दिये हैं पर वन्य जीव के मामलों को ध्यान से देखने वाले जानकार इन आंकड़ों से ज्यादा उत्साहित नही हैं। वन्यजीव अक्सपर्ट डॅा हरेंद्र सिंह बर्गली कहता हैं कि “ये अच्छी बात है कि सरकारी आंकड़ों के मुताबिक राज्य में बाघों की संख्या में इजाफा हुआ है। लेकिन बाघों के सही मा.ने में संरक्षण के लिये अभी हमें कापी कुछ करना बाकी है। हमारे पास बाघों के रख रखाव के लिये स्टाफ की कमी है, पैसे की कमी, और आने वाले दिनों में मैन ऐनिमल काॅन्फिल्कट एक बड़ी समस्या बन जायेगा।”