सरकार भले ही लोगों को एक मंच पर समस्याओं के समाधान देने के लिए तहसील दिवस आयोजित करने को लेकर गंभीरता दिखा रही हो, लेकिन अधिकारी इसे लेकर गंभीर नहीं हैं। नई सरकार के पहले तहसील दिवस में ही अफसरों की लेटलतीफी नजर आई। दो-चार विभागों को छोड़कर बाकी के अफसर साढ़े दस बजे शुरू होने वाले तहसील दिवस में ग्यारह बजे के बाद हाथ हिलाते हुए पहुंचे और खानापूर्ति कर पल्ला झाड़कर निकल लिए।
सुबह साढ़े दस बजे उपजिलाधिकारी प्रत्युष सिंह व तहसीलदार एमसी रमोला की अध्यक्षता में तहसील दिवस शुरू हुआ, तब तक परिसर में सिर्फ कृषि, आरडब्ल्यूडी, सेवायोजन व समाज कल्याण विभाग के अधिकारी मौजूद थे। इसके बाद धीरे-धीरे अधिकारियों का आना शुरू हुआ और दो बजे तक चलने वाले कार्यक्रम में पौने बारह बजे तक तक रायपुर ब्लॉक, सहकारिता, लोनिवि, जिला प्रोबेशन, जल निगम, जिला पूर्ति, जल संस्थान, उद्योग, बाल विकास, मुख्य उद्यान अधिकारी, उद्यान सचल, आयुर्वेद, सूचना व आर्येश के अधिकारी पहुंचे। जबकि, सिंचाई, लघु सिंचाई, स्वजल, शिक्षा विभाग व एमडीडीए के अधिकारी तो 12 बजे के बाद पहुंचे।
अधिकांश अफसर जहां तहसील दिवस जैसे महत्वपूर्ण कार्यक्रम में देरी से पहुंचे वहीं 12 विभाग तो ऐसे हैं, जिनके अधिकारियों ने तहसील दिवस में आना भी जरुरी नहीं समझा। जबकि, तहसील प्रशासन की ओर से उक्त विभागों को पहले ही इस संबंध में सूचित किया जा चुका था। तहसील दिवस में आने वाले विभागों में कृषि विभाग, आरडब्ल्यूडी, सेवायोजन, समाज कल्याण, रायपुर ब्लाक, सहकारिता, लोनिवि, जिला प्रोबेशन, जल निगम, जिला पूर्ति, जल संस्थान, उद्योग, बाल विकास, उद्यान विभाग, उद्यान सचल दल केंद्र, आयुर्वेद, आर्येश, राजस्व विभाग, जिला सूचना, सिंचाई, लोनिवि, लघु सिंचाई, पुलिस, स्वजल, शिक्षा विभाग, एमडीडीए शामिल थे, जबकि पशुपालन, अल्पसंख्यक कल्याण, स्वास्थ्य विभाग, बंदोबस्त विभाग, परिवहन, गन्ना विभाग, वन विभाग, यूपीसीएल, बाढ़ नियंत्रण, डीआरडीए, डीआईसीडी, नगर निगम के अधिकारी इस मौके पर नहीं पहुंचे।
तहसील दिवस में शिकायतों की स्थिति पर गौर करें तो राजस्व विभाग की कुल 53 शिकायतें आई और इनमे से 51 का निस्तारण कर दिया गया। समाज कल्याण विभाग की सभी 25 शिकायतें निस्तारित की गई। विकास विभाग और पुलिस विभाग के एक-एक मामले आए और निस्तारित किए गए।