किसानों की मौत पर सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने-सामने

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अब तक प्रदेश में छह किसानों ने आत्महत्या कर ली है,जिनमें ऊधमसिंह नगर में तीन, बालेश्वर में एक,पिथौरागढ़ में एक तथा टिहरी में एक किसान ने आत्महत्या की है। इन सभी के कारण अलग-अलग हैं। नैनीताल के बिन्दुखत्ता में आर्थिक तंगी के कारण साठ वर्षीय धनसिंह डसीला ने आत्महत्या कर ली। पड़ोसी मोहन सिंह विष्ट बताते हैं कि धन सिंह का बेटा बीमार रहता था,उन्होंने इलाज के लिए लाखों रुपये कर्ज ले लिया,लेकिन रविवार को उन्होंने जहर खा लिया। उन्हें हॉस्पिटल ले जाया गया तब तक वो दम तोड़ चुके थे। विपक्ष इस मामले को भी किसानों की आत्महत्या बता रहा है। उत्तराखंड के कृषिमंत्री सुबोध उनियाल नहीं मानते कि जिन किसानों ने कथित रूप से आत्महत्या की है, उन्होंने कर्जों के कारण की। “इसके पीछे और कोई भी कारण हो सकते हैं। किसी भी कीमत पर आत्महत्या दुखद है चाहे जिस कारण से हो। किसानों की आत्महत्या के लिए वर्तमान सरकार पर आरोप लगाना पूरी तरह भ्रामक है।” कृषिमंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि “चार महीने में न तो कोई जनविरोधी निर्णय लिया गया है और न ही किसान विरोधी। किसानों की आत्हत्या मान भी ली जाए तो इसके पीछे कांग्रेस सरकार की नीतियां हैं।” कृषिमंत्री के साथ-साथ कांग्रेस के सवालों का जवाब भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने देना प्रारंभ कर दिया है। उनका कहना है कि कांग्रेस अपने गिरेबान में झांके। इसी घटना पर कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने भी भाजपा को घेरने के लिए मोर्चा खोल दिया है।

  • स्वाड़ी गांव के एक किसान राजकुमार ने भी ऐसी ही आत्महत्या की है, जिस पर उत्तरांचल ग्रामीण बैंक और सहकारी समिति के 73 हजार 199 बकाया थे,जिसकी एवज में आत्महत्या की। 19 जुलाई को हुई इस आत्महत्या के पीछे भी बैंकों द्वारा पैसे जमा करने का दबाव होना बताया गया है।
  • यही स्थिति ऊधमसिंह नगर के हल्दी पचपेड़ा गांव के किसान रामअवतार सिंह की है। उसने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया खटीमा से एक लाख 80 हजार तथा बैंक ऑफ बड़ौदा से एक लाख 23 हजार का ऋण कृषि कार्यों के लिए लिया था,लेकिन इसे जमा नहीं करा पाया। छह जून को स्टेट बैंक ऑफ इडिया ने उसे नोटिस भेज दिया। छह बेटियों तथा एक बेटे के पिता रामअवतार सिंह ने दबाव के कारण आत्महत्या कर ली।
  • इसी प्रकार टिहरी गढ़वाल के दिनेश सेमवाल की मृत्यु हो गई।
  • इसी तरह बेरीनाग और बाजपुर के दो किसानों ने भी कथित रूप से आत्महत्या की।

विपक्ष की ओर से जहां प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह,किशोर उपाध्याय तथा अन्य लोग मामले को लगातार उठा रहे हैं वहीं पूर्व मंत्री भाजपा प्रदेशाध्यक्ष अजय भट्ट का साफ कहना है कि कांग्रेस द्वारा किसानों को जिस ढंग से भडक़ाया जा रहा है, वह अपने आप में इस बात का संकेत है कि कांग्रेस सरकार किसानों को भडक़ाकर उन्हें आत्महत्या के लिए प्रेरित कर रही है। आंकड़े देते हुए उन्होंने बताया कि एनसीआरबी के अनुसार देश में 2004-2014 तक 10 वर्षों में एक लाख 58 हजार 117 किसानों ने आत्महत्या की। यदि इसका अनुपात लगाया जाए,तो लगभग 20 हजार किसानों ने प्रतिवर्ष आत्महत्या की। जिस सरकार के हाथ किसानों के आत्महत्या से रंगे हों,उसी दल के लोग भाजपा पर अंगुली उठाएं, जहां किसानों की आत्महत्या का कारण कांग्रेस सरकार की कारगुजारियां हैं। उन्होंने कहा कि सरकार के दौरान किसानों का हिस्सा भी चट कर जाने वाले कांग्रेस के नेताओं ने 6 हजार करोड़ की आय और 80 हजार करोड़ का खर्च दिखाया है। यह खर्च किसानों के पैसे का खर्च है,लेकिन किसानों को पैसे डकारने वाली सरकार के लोग ही अब किसानों को भडक़ाने का काम कर रहे हैं,जो पूरी तरह दुर्भाग्यपूर्ण है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने स्पष्ट कहा कि यदि किसानों ने आत्महत्या की है,तो यह आत्महत्या किसानों के कारण हुई है। किसानों को दो-दो बैंकों से ऋण दिलाना कांग्रेस के कार्यकाल में हुआ है। उन्होंने कहा कि जिस तथाकथित आत्महत्या पर कांग्रेस के लोग छाती पीट-पीटकर रो रहे हैं,उसी पर आत्महत्या करने वाले के परिजन बोलने तक को तैयार नहीं है। आत्महत्या करने वाले कोई सुसाइड नोट तक नहीं छोड़ा है। अजय भट्ट ने कहा कि बैंकों द्वारा किसके कार्यकाल में ऋण दिया गया,जिसके कारण किसान परेशान हुआ। कांग्रेस को इसका जवाब देना होगा और नैतिक जिम्मेदारी लेनी होगी। उन्होंने कहा कि हमने किसानों को 1 लाख तक ऋण महज 2 प्रतिशत ब्याज पर दिलाने का निर्णय लिया है शेष प्रबंधन सरकार क रेगी। अजय भट्ट ने कहा कि आज एक पान का बीड़ा दस रुपये का है यदि कोई एक पान ही रोज खाता है तो उसे महीने में तीन सौ रुपये चुकता करना होता है। हमारी सरकार किसानों को ऐसी ऋण की व्यवस्था कर चुकी है,जिसे 100 रुपये की एवज में मात्र दो रुपये देना पड़ेगा। 2 प्रतिशत ब्याज के ऋण पर किसानों को ऋण दिलाने के साथ-साथ सरकार ने किसान के हित में जो निर्णय लिया है,उनमें खाद और बीज के निर्णय शामिल हैं। यूरिया खाद जिसे किसान ब्लैक में भी खरीदता था। उसके लिए लाठी गोली तक चलती भी। अब सस्ती और किसान जितना चाहे उतना खरीद सकता है। इसका कारण यूरिया का नीम कोटेड कर दिया जाना है,जिससे न तो वह दूध में मिलाया जा सकता है और न ही अन्य कामों का प्रयोग किया जा सकता है,जिसके कारण इसकी मात्रा किसानों को भरपूर ढंग से मिल रही है यही स्थिति अन्य प्रकरणों में भी है। प्रदेशाध्यक्ष अजय भट्ट ने कहा कि रेलवे आदि के लिए अधिग्रहीत जमीनों का मुआवजा चार गुना दे रहे हैं ताकि विकास की योजनाओं को पंख लगे और किसान को घाटा न हो। उन्होंने कहा कि नवंबर 2016 से जनता को दिया जाने वाला राशन कांग्रेस नहीं दे पाई। उस हम आठ रुपये 60 पैसे प्रति दर से जनता को दे रहे हैं। इसका भी कांग्रेस ने राजनीतिकरण करने का प्रयास किया,अपने आप दे नहीं सके और हम दे रहे हैं तो उस पर राजनीति कर रहे हैं। किसानों के संदर्भ में भाजपा दिल से काम कर रही है,जबकि कांग्रेस महज नाटक कर रही है। कांग्रेस सकारात्मक विपक्ष की भूमिका निभाने में पूरी तरह विफल रही है। ऐसे में जनता कांग्रेस के नाटक का जवाब देगी और उसे उसका यथार्थ याद दिलाएगी।

खटीमा के युवा विधायक पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि हमारी सरकार को आए महज चार महीने हुए हैं। इन चार महीनों में न तो ऐसा कोईकाम हुआ न ही कोई किसान विरोध निर्णय लिया गया,जिसके कारण किसानों आत्महत्या करनी पड़ती। धामी का कहना है कि यह कांग्रेस के जमाने का पाप है,जिसके कारण किसान आत्महत्या कर रहे हैं। हमारी सरकार ने किसानों को हर मामले में आत्मनिर्भर बनाया है और हम उनकी आय को दोगुनी करने को संकल्पित हैं। विधायक पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि यदि कांग्रेस ने किसानों हो आत्मनिर्भर बनाया होता तो उन्हें आत्महत्या भी न करना पड़ता। फिर यह घटनाएं दुखद हैं और इससे भी दुखद यह है कि कांग्रेस इस पर राजनीति कर रही है। पुष्कर सिंह धामी मानते हैं कि आने वाले दिनों में किसान भाजपा के प्रयासों से पूरी तरह सक्षम और मजबूत बनेगा।

इस संदर्भ में कांग्रेस के चकराता विधायक एवं प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह का कहना है कि बीजेपी के शासनकाल में ही किसान लगातार आत्महत्या कर रहे हैं। यह मामले अतिदुखद हैं। जिस प्रदेश का किसान आत्महत्या करता है,उस प्रदेश की क्या स्थिति होगी,यह स्वत: स्पष्ट है। प्रीतम सिंह का कहना है कि अपनी शर्मनाक स्थिति को छिपाने के लिए भाजपा कांग्रेस पर किसानों की मौत का आरोप मढ़ रही है,जो किसी भी कीमत पर कोई भी समझदार व्यक्ति नहीं मान सकता। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि यदि भाजपा मानती है कि कांग्रेस किसानों के मुद्दे को उकसा रही है,तो उसे कांग्रेस के खिलाफ मुकदमा करनी चाहिए ताकि हमारी गिरफ्तारी हो और हम जनता को भाजपा की असलियत बता सकें। प्रीतम सिंह का साफ कहना है कि भाजपा प्रचंड बहुमत का मजाक उड़ा रही है,जो क्षम्य नहीं होगा।
कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय मानते हैं कि भाजपा ने प्रदेश की जनता और किसानों को छला है। उसने कर्ज माफी जो वादा किया था उसे पूरा नहीं किया जिसके कारण किसान आत्महत्या कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि टिहरी स्वाड़ी गांव के किसान राजकुमार ने उत्तरांचल ग्रामीण बैंक और सहकारी समिति जो ऋ ण लिया है उसे मैं चुकाऊंगा। उन्होंने कहा कि किसान राजकुमार ने दोनों स्थानों जो ऋण लिया था उसकी राशि 73 हजार 199 बकाया है,जो वह स्वयं अपने आप जमा करेंगे। उन्होंने बताया कि उत्तरांचल ग्रामीण बैंक के साथ-साथ सहकारी समिति नागणी से यह ऋण लिए थे। बैंक के कर्ज जमा करने के दबाव में उसने आत्महत्या कर ली है,जो दुखद तो है ही भाजपा के लिए कलंक भी है।