कोरोना लॉकडाउन : 20 के बाद उत्तराखंड में चलेंगे उद्योग, डीएम से लेनी होगी अनुमति

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उत्तराखंड
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कोरोना लॉकडाउन की वजह से करीब एक महीने बंद राज्य के उद्योगों के लिए अच्छी खबर है। इंडस्ट्रियल एरिया में स्थापित सभी उद्योग 20 जून के बाद से चलाए जा सकेंगे। गुरुवार को मंत्रीपरिषद की बैठक में यह निर्णय किया गया। सीएम त्रिवेंद्र रावत की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में इसके साथ कई महत्वपूर्ण निर्णय किए गए। करीब तीन घंटे  तक चली बैठक में कोरोना लॉकडाउन और बीते रोज केंद्र सरकार दी गई रियायतों पर विस्तार से चर्चा की गई।

सरकारी प्रवक्ता मदन कौशिक ने परिषद के फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि 20 अप्रैल तक लॉकडाउन का कड़ाई से पालन किया जाएगा। इसके बाद इंडस्ट्रियल एरिया में स्थित सभी उद्योगों को चलाने की अनुमति दे दी जाएगी। इसके लिए उद्योगों को विधिवत अनुमति लेनी होगी। उद्यमी जिला प्रशासन से ऑन लाइन अथवा ऑफलाइन आवेदन कर सकते हैं। अनुमति मिलने के बाद कोरोना संक्रमण की रोकथाम के उपायों का पालन करते हुए काम शुरू किया जा सकता है।

इन मानक का करना होगा पालन
– डीएम की अनुमति लेनी होगी अनिवार्य
– कार्मिकों के रहने की व्यवस्था करनी होगी
– दो शिफ्ट के बीच पूरी यूनिट को सेनेटाइज करना होगा
– कार्मिकों का आवास दूर होने पर लाने-लेजाने की व्यवस्था करनी होगी
– कार्मिकों को लाने वाले वाहन में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन जरूरी होगा
– वाहनों का नियमित रूप से सेनेटाइज भी करना होगा अनिवार्य
– कार्मिकों को उद्योग में कार्यरत होने का पहचान कार्ड देना होगा

80 फीसदी उद्योग बंद हैं राज्य के
लॉकडाउन की वजह से राज्य के 80 फीसदी से ज्यादा उद्योग बंद पड़े हैं। राज्य में छोटे बडे़ कुल मिलाकर 80 हजार के करीब उद्योग है। उद्योगों के बंद होने से राज्य को हजारों करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है।

वहीं प्रदेश में सरकारी कामकाज का रास्ता धीरे-धीरे साफ होना शुरू हो गया है। शुक्रवार से सचिवालय और विधानसभा में कामकाज शुरू होगा। दोनों ही जगह अनुसचिव से ऊपर रैंक के सभी अधिकारी उपस्थिति दर्ज कराएंगे, जबकि इससे नीचे रैंक के कुल कार्मिकों का महज 33 फीसद हाजिर रहेंगे। लॉकडाउन के दौरान विवाह को इस शर्त के साथ अनुमति मिलेगी कि इसमें सिर्फ पांच लोग शामिल होंगे। अंत्येष्टि में भी 20 से ज्यादा लोग शामिल नहीं हो सकेंगे।मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में उनके आवास पर मंत्रिपरिषद की बैठक गुरुवार शाम करीब ढाई घंटा चली। बैठक में शासन के आला अधिकारी भी मौजूद रहे। बैठक में केंद्र की गाइडलाइन को अमल में लाने की रणनीति बनाई गई। दरअसल, पहले राज्य सरकार को उम्मीद थी कि उसे कोरोना के खतरे की जद से बाहर नौ पर्वतीय जिलों को लेकर कुछ छूट केंद्र सरकार से मिल सकती है। केंद्र से ऐसी कोई रियायत राज्य को हासिल नहीं हुई। लिहाजा केंद्र की गाइडलाइन के दायरे में भी जरूरी बंदोबस्त करने के निर्देश पूरे सरकारी अमले को दिए गए हैं।