प्राइवेट बिल्डरों की मनमानी पर लगाम की तैयारी

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फ्लैट और अपार्टमेंट को लेकर बिल्डरों की मनमानी अब नहीं चलेगी। राज्य सरकार प्राइवेट बिल्डर्स की मनमानी पर लगाम लगाने के लिए कड़े कदम उठाने जा रही है। प्राइवेट कॉलोनी बनाने वाले बिल्डरों को अब मकानों की संख्या बताने के साथ ही उसकी कीमत का रजिस्ट्रेशन भी कराना होगा। शहरों में लगातार कॉलोनियों और प्राइवेट फ्लैट की संख्या बढ़ती जा रही है। इतना ही नहीं घर लेने के सपने को पूरा करने का दावा करने वाले कई बड़े बिल्डर अपनी मनमानी चलाकर लोगों को परेशान भी करते हैं। जिससे प्राइवेट बिल्डर्स के काम करने के तरीकों पर भी सवाल खड़े होने लगे हैं। साथ ही कई मामलों में इस तरह की ठगी, धोखाधड़ी के मामले भी सामने आते रहते हैं। लेकिन अब राज्य सरकार प्राइवेट बिल्डर्स की इस तरह की मनमानी को रोकने के लिए सख्त हो गई है।
शहरी विकास मंत्री का कहना है कि अब जो बिल्डर अपनी कॉलोनी बनाएगा वह बनाए जाने वाले मकानों की संख्या और उसकी कीमत का पंजीकरण कराएगा, जिसे प्राधिकरण द्वारा नियंत्रित किया जाएगा। उन्होंने कहा की पंजीकरण संबंधी सभी सुविधाएं सिंगल विंडो सिस्टम के माध्यम से दी जाएंगी। ताकि किसी को भी किसी प्रकार की परेशानियों का सामना न करना पड़े।
इधर दून रेजीडेंस वेलफेयर के अध्यक्ष डॉ. महेश भंडारी का दावा है कि अब देहरादून में फ्लैट सस्ते हो जाएंगे। भंडारी का कहना है कि अभी तक बिल्डर लगातार मनमानी कर रहे थे। इतना ही नहीं बिल्डर बिना रजिस्ट्रेशन के ही प्लॉट बेचने का विज्ञापन जारी करने के साथ ही प्रोजेक्ट शुरू कर देते थे। जिससे कई बार आम लोगों के साथ धोखा भी हो जाता था। लेकिन, अब बिल्डरों की मनमानी पर पूरी तरह से रोक लग जाएगी। बिल्डर को अब अपने प्रोजेक्ट को पहले रजिस्टर कराना होगा। साथ ही ग्राहक को निर्धारित समय में घर भी देना होगा। ऐसा न करने पर ग्राहक बिल्डर से जुर्माना भी ले सकता है।