प्रदेशभर के प्राइवेट स्कूलों पर कसेगा सरकारी शिकंजा

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(देहरादून) प्रदेशभर में ​विद्यालयी शिक्षा को पटरी पर लाने के लिए सरकारी स्तर पर तमाम प्रयास किए जा रहे हैं। इतना ही नहीं मनमानी करने वाले प्राइवेट स्कूलों पर भी सरकार ने शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है। इसी क्रम में शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने एनसीईआरटी किताबों को लागू न करने और अन्य प्रकाशकों की महंगी पुस्तक जबरन लागू करने वाले स्कूलों के खिलाफ जांच कर मान्यता रद्द करने के निर्देश दिए।
सोमवार को सचिवालय के एपीजे अब्दुल कलाम भवन में शिक्षा मंत्री की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में प्राइवेट स्कूलों द्वारा हाईकोर्ट के निर्देशों को दरकिनार करते हुए महंगी किताबों को लागू करने के मामलों की जांच करने का निर्णय लिया गया। इसके अलावा दोषी पाए गए स्कूलों पर कड़ी कार्रवाई करते हुए उनकी मान्यता भी तक रद्द करने के निर्देश मंत्री ने दिए। इसके अलावा ऐसे स्कूलों को भी चिन्हित किए जाने का निर्णय लिया गया जिन्होंने अभी तक पुस्तकों के मूल्य सूची विद्यालय वेबसाइट पर अपलोड नहीं की।
बैठक के दौरान ​महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा कैप्टन आलोक शेखर तिवारी ने बताया कि जनपद हरिद्वार, देहरादून, नैनीताल व उधमसिंह नगर में विभागीय जांच कराई गई थी। जांच में यह तथ्य प्रकाश में आया कि प्राइवेट स्कूलों द्वारा राज्य सरकार से एनओसी लेते समय लागू अनुबंध शर्तों का पालन नहीं किया गया है। निदेशक माध्यमिक शिक्षा द्वारा नामित शिक्षा अधिकारी प्राइवेट विद्यालयों की प्रबंध समिति के सदस्य के रूप में नामित नहीं किए जा रहे हैं। साथ ही 70 फीसद विद्यालयों द्वारा एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तकों के अलावा प्राइवेट प्रकाशकों की महंगी पुस्तके लागू कर अभिभावकों का आर्थिक शोषण किया जा रहा है। जांच अधिकारियों की जांच आख्या के आधार पर जिन विद्यालयों द्वारा 13 अप्रैल 2018 तक उच्च न्यायालय के निर्णय की अवमानना करते हुए एनसीईआरटी पुस्तकों से अधिक मूल्य की महंगी पुस्तके लागू की हैं और मूल्य सूची विद्यालय वेबसाइट पर अपलोड नहीं की गई हैं। ऐसे विद्यालयों को कारण बताओ नोटिस जारी किया जाए। इतना ही नहीं कार्रवाई के तहत एनओसी प्रत्याहरण पर भी विचार किया जा सकता है। शिक्षा मंत्री ने विभागीय कार्रवाई की जानकारी से हाई कोर्ट को अवगत कराए जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि प्राइवेट विद्यालयों द्वारा शिक्षा का व्यवसायीकरण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, ऐसे विद्यालयों के विरुद्ध नियमित रूप से शिक्षा अधिकारियों की समिति द्वारा जांच कराने का भी निर्देश दिया।
बैठक में जानकारी दी गई कि जनपद हरिद्वार में एनसीईआरटी पाठ्य पुस्तक विक्रेता के गोदाम में जिला प्रशासन द्वारा छापा मारकर अनाधिकृत पुस्तक के कब्जे में ले ली गई थी। लेकिन, जिला प्रशासन द्वारा इस मामले में अग्रिम कार्रवाई को लेकर शासन को कोई जानकारी नहीं दी गई है। ऐसे में जल्द मामलों में की गई कार्रवाई की भी जानकारी से शासन को अवगत कराने के निर्देश दिए गए।
इसके अलावा कैंसर/डायलिसिस से ग्रसित शिक्षकों व बच्चों का विवरण शासन को तत्काल उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए। शिक्षकों का समायोजन के मामले में छात्र संख्या के आधार पर समायोजन किए जाने का निर्णय लिया गया। बैठक में महापुरुषों के जन्म जयंती के अवसर पर छात्रों को उनके जीवन परिचय व कृतित्व से अवगत कराते हुए सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन विद्यालय स्तर पर किया जाने का भी निर्णय लिया गया। ऐसे शिक्षक जो शैक्षणिक गुणवत्ता संवर्धन के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य कर रहे हैं, उनके कार्यों को सार्वजनिक रूप से प्रकाश में लाए जाने की भी बात कही गई। बैठक में सचिव विद्यालय शिक्षा व अपर सचिव महानिदेशक विद्यालय शिक्षा, माध्यमिक निदेशक, प्राथमिक निदेशक, अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण, वित्त नियंत्रक, अपर निदेशक, संयुक्त निदेश सहित शिक्षा विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।