विकासनगर। भले ही शिक्षा विभाग के मुखिया शिक्षकों को ड्रेस पहनाने के लिए दांव पेंच आजमा रहे हों लेकिन सरकारी स्कूलों में अध्ययनरत नौनिहालों को शिक्षा सत्र शुरू होने के छह माह बाद भी निःशुल्क गणवेश नसीब नहीं हुआ है। गणवेश नहीं मिलने से अधिकांश नौनिहाल फटे पुराने गणवेश में ही विद्यालय आ रहे हैं। गोपनीयता की शर्त पर शिक्षकों ने बताया कि अभी विभाग से गणवेश के लिए बजट ही जारी नहीं हुआ है। शिक्षकों का आरोप है कि हर बार शिक्षा सत्र समाप्त होने से तीन चार माह पूर्व ही नौनिहालों को गणवेश मुहैया कराया जाता है।
सरकारी स्कूलों में अध्ययनरत प्राथमिक व जूनियर स्तर तक के छात्र-छात्राओं को सरकार द्वारा प्रत्येक साल नि:शुल्क गणवेश मुहैया कराया जाता है। हर बार शिक्षा सत्र शुरू होने के पांच छह माह बाद मुहैया होने वाले गणवेश के इस बार शुरुआत में ही मिलने की आस जगी थी। कारण, विभागीय मंत्री का शिक्षकों के लिए ड्रेस कोड लागू करने का फरमान था। शिक्षक भी मान रहे थे कि शिक्षकों के ड्रेस कोड से पहले ही छात्र-छात्राओं को गणवेश मुहैया करा दिया जाएगा, जिससे विद्यालय का माहौल समरूप बना रहे। शिक्षकों को तो ड्रेस कोड लागू कराने में नाकाम रहे लेकिन इस दांव पेंच में नौनिहालों की सुध लेना भी भूल गए। लिहाजा सितबंर माह के दूसरे पखवाड़े में भी नौनिहालों को नि:शुल्क गणवेश मुहैया नहीं हो पाया है। शिक्षकों की मानें तो बजट जारी नहीं होने के कारण अक्टूबर माह में भी गणवेश मिलने की उम्मीद नहीं है।
उधर, शिक्षा निदेशक आरके कुंवर ने बताया कि शासन से नि:शुल्क गणवेश के लिए बजट आहरित करने की मांग की गई है। शीघ्र ही विद्यालयों को बजट मुहैया करा दिया जाएगा।