ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन के लिये सरकार ने तय की समय सीमाऐं

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सूबे की बीजेपी सरकार ने ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल लाइन को घरातल पर लाने के लिये कमर कस ली है। इसके लिये मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने रविवार को सचिवालय में ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन के कामों से जुड़े मसलों पर मीटिंग ली। बैठक में तय हुआ कि:

  • ऋषिकेश में प्रस्तावित रेल पुल के लिए यूपीसीएल, पिटकुल और जल संस्थान को तय समय सीमा के अंदर विद्युत और पेयजल लाइन शिफ्ट करने के निर्देश दिए। 
  • रेल पुल के फाउंडेशन कार्य के लिए जगह वन विभाग 3 दिन में खाली कर देगा और बाकी जमीन 30 दिन में खाली कर देगा। अभी वहाँ वन विभाग का फॉरेस्ट रेंज ऑफिस है। 
  • पशासनिक खर्चं के लिये कुल 5 करोड़ रुपए चमोली, पौड़ी, टिहरी और रूद्रप्रयाग जिलों में उनकी भागीदारी के लिये बाँटा जाएगा। 
  • चारों जिलों में भू-अधिग्रहण के लिए जरूरी पुनर्वास और विस्थापन नीति(Rehabilitation and Resettlement Policy) को जल्द बनाने के निर्देश दिए गए। चमोली 01 जून, पौड़ी 10 जून, रुद्रप्रयाग और टिहरी 05 जून तक ड्राफ्ट नीति तैयार कर लेंगे।
  • आंकड़ो के अनुसार चारों जनपदो में 47 गांवों में, 411 भवन रेल लाइन की जद में आएँगे। 
  • चमोली जिले में अक्टूबर तक और अन्य तीन जिलों में दिसम्बर तक मुआवजा घोषित करने का लक्ष्य रखा गया है। 

बैठक में ऋषिकेश-कर्ण प्रयाग प्रोजेक्ट को नैशनल प्रोजेक्ट घोषित करने के विषय पर मुख्यमंत्री ने कहा वो स्वयं प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर इस हेतु अनुरोध करेंगे।