नई नगर पंचायतों पर रहेगा सरकार का फोकस

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देहरादून,  त्रिवेंद्र सरकार ज्यादा से ज्यादा ग्रामीण इलाकों को शहरों में तब्दील करने के लिए गंभीरता से सोच रही है। बडे़ स्तर पर निकायों के साथ ग्रामीण इलाके जोड़ने के बाद सरकार ऐसे इलाकों को चिन्हित कर रही है जो नगर पंचायत बनने की क्षमता रखते हों। इस क्रम में सबसे ज्यादा हरिद्वार और यूएस नगर जैसे जिलों में संभावनाएं दिखाई दे रही हैं। इन स्थितियों के बीच, सरकार ने पिथौरागढ़, श्रीनगर जैसे नगर पालिका परिषद क्षेत्रों को नगर निगम बनाने के विचार को फिलहाल विराम दे दिया है। वर्ष 2018 में हुए नगर निकाय चुनाव से पहले हुए परिसीमन में इस बार 350 गांवों को निकायों में शामिल किया गया।
उत्तराखंड राज्य निर्माण से पहले इतनी बड़ी संख्या में गांवों को शहरों का हिस्सा नहीं बनाया गया था। सरकार का कहना है कि केंद्र सरकार ने कई ऐसी योजनाएं शुरू की है, जिसका लाभ सिर्फ शहरी क्षेत्रों को मिल रहा है। इसका लाभ पाने के लिए उन इलाकों को शहरों में शामिल किया जा रहा है, जो तकनीकी तौर पर ही ग्रामीण है और व्यवहार में कब के शहरी हो चुके हैं।
उत्तराखंड में इस समय नगर निकायों की कुल संख्या 94 है। इसमें आठ नगर निगम हैं। नगर पंचायतों की संख्या 47 है। हरिद्वार और यूएस नगर में कई गांव आबादी और क्षेत्रफल के लिहाज से नगर पंचायत बनने के मानक पूरे कर रहे हैं। सरकार अब एक एक केरके इन्हें नगर पंचायत बनाने की ओर कदम बढ़ा रही है। अभी ज्यादा समय नहीं हुआ, जब चैखुटिया नगर पंचायत का गठन किया गया। शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक के अनुसार सरकार नगर निकायों की संख्या सौ के पार पहुंचाना चाहती है। नगर पंचायत बनाने को प्राथमिकता दी जा रही है।