उत्तराखंड : राज्यपाल ने प्रस्तुत किया 14 पृष्ठों का अभिभाषण

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विधानसभा

उत्तराखंड की पांचवीं विधानसभा के पहले दिन मंगलवार को राज्यपाल लेफ्टिनेट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.) ने अपना अभिभाषण प्रस्तुत किया। यह सरकार की योजनाओं और व्यवस्थाओं से संबंधित 14 पृष्ठों का अभिभाषण था। सुबह 11 बजे विधानसभा सत्र की कार्यवाही प्रारंभ हुई और राज्यपाल ने अपना अभिभाषण पढ़ना शुरू किया। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, समेत पक्ष और विपक्ष के विधायक भारी संख्या में उपस्थित थे।

राज्यपाल लेफ्टिनेट जनरल गुरमीत सिंह के अभिभाषण की कार्यवाही को सत्ता पक्ष के लोगों ने मेजें थपथपा कर स्वागत किया। भले ही नेता प्रतिपक्ष का चयन नहीं हुआ है, लेकिन विपक्ष ने राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान महंगाई के मुद्दे पर बैनर दिखाकर राज्यपाल का ध्यान आकृष्ट करने की कोशिश की गई। राज्यपाल ने अपना अभिभाषण जारी रखा गया।

इस अभिभाषण में चिकित्सा, शिक्षा, मातृ-शिशु कल्याण, बाल पालाश योजना, सैनिक कल्याण, वन विभाग, युवाओं के रोजगार, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना जैसे 43 विषयों पर चर्चा की गई, जिनमें हिम प्रहरी योजना भी शामिल है। राज्यपाल ने अपने अभिभाषण की शुरूआत चिकित्सा व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण से प्रारंभ की। उन्होंने बताया कि प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संवर्ग में 403 चिकित्सकों का चयन किया गया है। दंत संवर्ग के अंतर्गत डेंटल हाइजिनिस्ट के 40 रिक्त पदों पर भर्ती प्रक्रिया गतिमान है। उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में अभिनव प्रयोग की चर्चा करते हुए कहा कि इंस्पायर अवार्ड के लिए नामांकन में विद्यालयवार प्रतिभागिता के आधार पर उत्तराखंड राज्य पूरे देश में प्रथम स्थान पर रहा है। 189 अटल उत्कृष्ट राजकीय माध्यमिक विद्यालयों का संचालन किया गया है। इसी प्रकार छात्र अधिगम डैश बोर्ड का निर्माण किए जाने का लक्ष्य है। राजकीय आदर्श आवासीय संस्कृत विद्यालय प्रवेशिका से उत्तर मध्यमा तक खोला जाना प्रस्तावित है। कुपोषण से मुक्ति के लिए बाल पालाश योजना संचालित की जा रही है।

राज्यपाल ने अपने अभिभाषण में कहा कि राज्य में अल्पसंख्यक मेधावी बालिका प्रस्तावित योजना के अधिक वित्तीय वर्ष 2021-22 में 2990 छात्राओं के आवेदन प्राप्त हुए हैं। इसी प्रकार राज्य में दिव्यांग सलाहकार बोर्ड का गठन किया गया है। पौधरोपण की चर्चा करते हुए राज्यपाल ने बताया कि राज्य में गत 4 वर्षों में 98442 हेक्टेयर में 7 करोड़ 86 लाख पौधे लगाए गए हैं। उन्होंने ई-वाहनों के उपयोग की भी जानकारी दी। उन्होंने पर्यावरण क्षेत्र में सुंदरलाल बहुगुणा के प्रकृति एवं पर्यावरण सुरक्षा पुरस्कार की व्यवस्था प्रारंभ की गई है।

राज्यपाल ने सेवायोजन की चर्चा करते हुए कहा कि राज्य में विभिन्न प्रशासकीय विभागों के अंतर्गत 76954 नियमित नियुक्तियां दी गई हैं। 1554 पदों का यधियाचन लोक सेवा आयोग को भेजा गया है। राज्यपाल ने बताया कि भारत सरकार के योजना के अंतर्गत बौद्धिक सम्पदा भारत द्वारा राज्य के 7 उत्पादों कुमाऊं का च्यूरा आयल, मुनस्यारी का राजमा, उत्तराखंड का भोटिया दन, उत्तराखंड का एपण, रिंगाल क्राफ्ट, ताम्र उत्पाद और थुलमा का ज्योग्राफिकल इंडिकेशन जीआई प्रदान किया गया है।

राज्यपाल ने राज्य सरकार की योजनाओं की चर्चा करते हुए कहा कि संस्कृति विभाग राज्य की ऐतिहासिक, पौराणिक एवं सांस्कृतिक धरोहरों का संरक्षण एवं संवर्धन करना मुख्य उद्देश्य है। उन्होंने आपदा प्रभावित क्षेत्रों की भी चर्चा की और बताया कि प्रदेश के विकास के लिए लघु सिंचाई विभाग द्वारा प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान योजना चलाई जा रही है। राज्यपाल ने अपने अभिभाषण में बताया कि प्रदेश में जमरानी बांध बहुद्देश्यीय परियोजना, सौंग पेयजल बांध योजना, ल्वाली झील निर्माण योजना जैसी महत्वपूर्ण परियोजनाएं प्रस्तावित और निर्मार्णाधीन हैं। राज्यपाल ने पत्रकार कल्याण कोष, खेल विश्वविद्यालय जैसी व्यवस्थाओं की चर्चा की और बताया कि उत्तराखंड सेवा अधिकार अधिनियम के तहत 268 सेवाओं को अधिसूचित किया गया है। विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा 1598 लोगों विधिक सहायता निशुल्क प्रदान की गई है। इसी प्रकार उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के मध्यम कार्मिकों के आवंटन का कार्य पूर्ण हो चुका है। राज्यपाल ने राज्य सरकार की योजनाओं की चर्चा करते हुए कहा कि प्रदेश में हर महिला और युवा के सपनों को उड़ान मिले यह हमारी सरकार का उद्देश्य है।