वर्तमान उत्तराखंड सरकार के लिये जाते जाते भी परेशानियां खत्म होती नहीं दिख रही हैं। विराट कोहली और कैलाश खेर को आपदा के फंड में से पैमेंट के मुद्दे पर बीजेपी लगातार मुख्यमंत्री हरीश रावत को घेर रहे हैं। बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता विनय गोयल ने कहा कि मुख्यमंत्री हरीश रावत विराट कोहली प्रकरण में पूरी तरह से बेनकाब हो गए हैं। इसीलिए वह बार-बार बदल-बदल कर बयान दे रहे हैं । गोयल ने कहा कि वह सार्वजनिक रूप से बयान दे रहे थे कि विराट कोहली करोड़ो रुपये लेते हैं और हमने उन्हें केवल 47 लाख रूपये ही देकर बहुत सस्ते में काम कराया है।
गोयल ने कहा कि जब इस बात का खुलासा कर दिया गया कि विराट कोहली ने अपनी सेवाएं उत्तराखंड के पर्यटन विकास के लिए निशुल्क गुडविल एंबेस्डर के रूप में प्रदान की थी तो अब मुख्यमंत्री हरीश रावत दोबारा बयान बदलने को मजबूर हो गए। अब कह रहे हैं कि हमने केवल लॉजिस्टिक सपोर्ट दी, इसलिए यह स्पष्ट करना आवश्यक हो जाता है कि वास्तव में पैसा किसकी जेब में गया तथा किस कंपनी ने यह ऐड फिल्म बनाई और पेमेंट किस कंपनी को किया गया ।
कैलाशा एंटरटेनमेंट द्वारा करोड़ों रुपए के 12 एपिसोड भी आज तक किसी को देखने को नहीं मिले और इस सरकार के जाने का समय भी आ गया। निश्चित रुप से आने वाली सरकार बार-बार हरीश रावत जी का चेहरा दिखाने वाली ऐसी किसी ऐड फिल्म का उपयोग कदापि नहीं करेगी ऐसे में इस पैसे की भरपाई के लिए कौन जिम्मेवार होगा।
वहीं बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने भी हरीश रावत को आड़े हाथों लिया। भटट् ने कहा कि मुख्यमंत्री को आपदा पीड़ितों, प्रदेश की जनता और विराट कोहली व कैलाश खेर से माफ़ी मांगनी चहिये न कि अपने गलत कार्य को जबरन सही ठहराने की कोशिश करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि केंद्र द्वारा राज्य को सहायता न देने के मुख्यमंत्री के आरोप पर उन्होंने कहा कि यह मुख्य मन्त्री का पुराना रिकॉर्ड है जिसे वे समय समय पर बजाते रहते है, लेकिन उनकी बात को कोई नहीं सुनता। उन्होंने कहा कि भाजपा दस्तावेजों के साथ कांग्रेस को कई बार इस मुद्दे पर आमने सामने बहस करने की चुनोती दे चुकी है, केंद्र के कई मंत्री गण मीडिया के सामने केन्द्र सरकार के विभिन्न विभागों द्वारा राज्य को दी गई सहायता की प्रमाणों सहित जानकारी दे चुके है।लेकिन मुख्यमन्त्री व कांग्रेस नेता बहस से ही भाग रहे है। भाजपा की यह चुनौती आज भी बरकरार है। उन्होंने कहा कि मुख्य मंत्री को तो 12000 करोड़ रूपये के आल वेदर रोड का प्रोजेक्ट भी याद नहीं है जिसके प्रधानमंत्री द्वारा किये गए शुभारंभ कार्यक्रम में मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री के साथ खुद मौजूद थे।