गुप्तकाशी के नितिन सेमवाल की किट कोरोना जांच में हिट

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कहते हैं कि पूत के पांव पालने में ही दिख जाते हैं।  मन में कुछ करने की ललक हो तो व्यक्ति असंभव कार्य को भी संभव कर देता है।ऐसा ही कुछ कर दिखाया गुप्तकाशी के पास के गांव पसालत निवासी नितिन सेमवाल ने । नितिन की कोरोना की जांच के लिए दिन-रात की मेहनत सफल हुई।  उन्होंने महज दो घंटे में रिजल्ट बताने वाली भारत की पहली जांच किट तैयार करने में सफलता पाई है।
दो घंटे में रिजल्ट बताने वाली देश की पहली जांच किट तैयार की
जनपद रुद्रप्रयाग के पसालत निवासी  नितिन सेमवाल ने न केवल अपने क्षेत्र का  बल्कि इस उपलब्धि से संपूर्ण राष्ट्र का नाम रोशन किया है । नितिन के पिता शिवप्रसाद सेमवाल बेटे की इस इस सफलता से गदगद हैं। मां प्रभादेवी की आंखें खुशी से नम हो जाती हैं। गुप्तकाशी से आठ किलोमीटर की दूरी पर स्थित पसालत  गांव में जैसे ही नितिन  के कोरोना जांच किट की सफलता और अनुमोदन की बात पहुंची तो संपूर्ण क्षेत्र में खुशी छा गई। नितिन अभी दिल्ली की एक बायोटेक कंपनी जीनोम में कार्य कर रहे हैं । इससे पहले वे एचआईवी, सार्स और प्लेग जैसी गंभीर बीमारियों की जांच किट तैयार कर चुके हैं।
नितिन की मां प्रभादेवी घर का काम संभालने के साथ-साथ संपूर्ण क्षेत्र में लगभग दो हजार से अधिक फलदार और छायादार वृक्ष लगाकर वृक्ष माता के नाम से भी प्रसिद्ध हो चुकी हैं। पिता शिव प्रसाद सेमवाल केदारनाथ धाम के वरिष्ठ तीर्थ पुरोहित हैं। वह सामाजिक क्षेत्रों में प्रतिभाग करते हुए जरूरतमंद लोगों को जरूरी सामग्री  मुहैया कराते हैं ।
बेटे की सफलता से खुश मां प्रभादेवी कहती हैं कि नितिन बाल्यकाल से ही 18 घंटे प्रतिदिन पढ़ता था। यह देखकर उन्हें चिंता होती थी। मगर उसने अपनी लगन और मेहनत बूते यह मुकाम बनाया है। पिता शिवप्रसाद ने बताया कि नितिन ने इंटर की पढ़ाई राइका लमगोण्डी से पूरी की। इसके बाद आगरा से एमएससी की। देश की कई बायोटेक कंपनियों में काम किया। उसने अपनी मेहनत और लगन के बलबूते कई गंभीर बीमारियों की जांच किट तैयार की । उन्होंने बताया कि वह जब भी गांव आता है तो खेत- खलिहान सहित मवेशियों के चारे तथा अन्य घरेलू कार्यों में मां का हाथ बंटाता है । उन्हें नितिन पर गर्व है।