कांग्रेस से भाजपा में आए हरक सिंह पार्टी के गले की फांस बन गए हैं। कैबिनेट बैठक में मंत्री हरक सिंह रावत ने कोटद्वार मेडिकल कॉलेज का प्रस्ताव न आने पर अपनी नाराजगी व्यक्त की थी जिस पर आनन फानन में मेडिकल कॉलेज का प्रस्ताव लाया गया और टोकन मनी भी जारी कर दी गई, लेकिन एक बार फिर हरक सिंह रावत अपनी नाराजगी दूसरे रूप में दिखा रहे हैं।
उन्होंने अपने चुनाव लड़ने और अपनी सीट बदलने पर एक बयान दिया है। उनका कहना है कि वह चुनाव नहीं लड़ना चाहते, यदि चुनाव लड़ाया जाता है तो उन्होंने संगठन को कुछ प्राथमिकता के आधार पर सीटें बताई हैं जो संगठन के लिए समस्या का कारण बन सकती हैं। ऐसे में उन सीटों के विधायकों का क्या होगा जो उन सीटों पर जीते हैं।
हरक सिंह रावत का कहना है कि उन्होंने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष समेत तमाम बड़े नेताओं को यह कह दिया है कि वह इस बार विधानसभा चुनाव नहीं लड़ना चाहते हैं यदि उन्हें पार्टी चुनाव लड़ाना चाहती है तो वह लैंसडाउन, यमुनोत्री, केदारनाथ और डोईवाला सीटों से चुनाव लड़ना चाहते हैं। यह सीटें उनके लिए योग्य रहेंगी। यह सुझाव देने के साथ ही साथ डॉ. हरक सिंह ने यह भी कहा है कि यदि पार्टी उन्हें कोटद्वार से ही लड़ाना चाहती है तो वह इसके लिए भी तैयार हैं। उनका कहना है कि वह अपने क्षेत्र से चुनाव लड़ने की बजाय पार्टी के लिए अधिक उपयोगी हो सकते हैं और चुनाव प्रचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
डॉ. हरक सिंह का कहना है कि वह प्रचार के लिए पूरे प्रदेश में कार्य करना चाहते हैं, लेकिन पार्टी उनका किस रूप में उपयोग करती है, उसके आधार पर कार्य करेंगे।