हरिद्वार में स्नान पर्वों पर कोविड की निगेटिव रिपोर्ट जरूरी नहींःडीआईजी

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धर्मनगरी हरिद्वार में 11 फरवरी को मौनी अमावस्या का बड़ा स्नान है। मौनी अमावस्या के गंगा स्नान में भी लाखों श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। मकर संक्रांति के गंगा स्नान में भी करीब सात लाख से ज्यादा श्रद्धालु हरिद्वार आए थे। इस संबंध  कुंभ मेला आईजी संजय गुंज्याल ने बुधवार शाम मीडिया से कहा कि सभी स्नान पर्वों पर हरिद्वार आने वाले श्रद्धालुओं को कोविड-19 की नेगेटिव रिपोर्ट लाना जरूरी नहीं है।
-डीआईजी गुंज्याल ने कहा,  कुंभ मेले में आने वाले सभी श्रद्धालुओं को कोविड-19 रिपोर्ट लाना आवश्यक होगा
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार के बाद उत्तराखंड सरकार ने भी हरिद्वार महाकुंभ के लिए एसओपी जारी कर दी है। हालांकि अभी तक उत्तराखंड सरकार ने हरिद्वार कुंभ की अधिसूचना जारी नहीं की है। उम्मीद है कि इस महीने के आखिर में सरकार कुंभ की अधिसूचना जारी कर सकती है।
कुंभ के मद्देनजर हरिद्वार जिला प्रशासन मौनी अमावस्या के गंगा स्नान की तैयारियों में जुटा हुआ है। इस महीने तीन प्रमुख स्नान हैं। पहला 11 फरवरी को मौनी अमावस्या, दूसरा 16 फरवरी को वसंत पंचमी और तीसरा 27 फरवरी को माघ पूर्णिमा का गंगा स्नान है।
मौनी अमावस्या स्नान के लिए भल्ला कॉलेज स्टेडियम में मेले की ड्यूटी में लगे सभी पुलिस अधिकारियों, कर्मचारियों और केंद्रीय सुरक्षा बलों के जवानों को कुंभ मेला आईजी संजय गुंज्याल ने ब्रीफ किया है। कुंभ मेला आईजी संजय गुंज्याल ने स्पष्ट किया है कि सभी स्नान पर्वों पर हरिद्वार आने वाले श्रद्धालुओं को कोविड-19 की नेगेटिव रिपोर्ट लाना जरूरी नहीं है। हालांकि कुंभ मेले में आने वाले सभी श्रद्धालुओं को कोविड-19 रिपोर्ट लाना आवश्यक होगा।
मौनी अमावस्या के गंगा स्नान को देखते हुए मेला क्षेत्र को 9 जोन और 25 सेक्टर में बांटा गया है। मकर संक्रांति स्नान की तरह इस स्नान पर्व पर भी यातायात को भीड़ के अनुसार डायवर्ट किया जाएगा। हरकी पैड़ी पर भीड़ का दबाव कम करने के लिए लगातार मॉनिटरिंग की जाएगी, जिससे एक ही स्थान पर अधिक श्रद्धालु एकत्र न हो सकें।