हाई कोर्ट ने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के विधायकों की कथित खरीद फरोख्त की सीबीआइ जांच को चुनौती देती याचिका पर सुनवाई करते हुए अगली सुनवाई तीन मई नियत कर दी। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने याचिका दायर कर स्टिंग मामले की सीबीआई जांच रद करने का आग्रह किया है।
याचिकाकर्ता के अनुसार इस मामले की सीबीआई जांच का कोई औचित्य नहीं है। मामले की जांच के लिए राज्य सरकार द्वारा एसआइटी का गठन किया है। मामले की सुनवाई न्यायाधीश न्यायमूर्ति यूसी ध्यानी की एकलपीठ में हुई।
पिछले साल 18 मार्च को राज्य विधान सभा में विनियोग विधेयक पर बहस के दौरान सत्ताधारी कांग्रेस के विधायक विपक्ष के पाले में आगए और हंगामा हो गया। इसके बाद कांग्रेस विधायक ,भाजपा विधायकों के साथ राज्यपाल से मिले और सरकार को बर्खास्त करने की मांग की।
राज्यपाल ने बहुमत साबित करने को कहा तो इसी बीच दिल्ली में स्टिंग जारी हुआ। इसमें कथित तौर पर विधायकों की खरीद फरोख्त से संबंधित बातचीत थी। केंद्र ने राष्ट्रपति शासन लगाया तो उसमें भी स्टिंग को आधार बनाया। केंद्र ने स्टिंग की सीबीआई जांच के आदेश पारित किए थे। राष्ट्रपति शासन के दौरान राज्यपाल द्वारा केंद्र को सीबीआइ जांच की सिफारिश भेजी गई थी।