उत्तराखंड की त्रिवेंद्र सरकार ने रविवार को गंगा को स्कैप चैनल घोषित करने वाले पूर्ववर्ती शासनादेश को रद्द करने का फैसला लिया है। तत्कालीन हरीश रावत सरकार ने जिस हरकी पैड़ी पर गंगा को अपने शासनादेश में स्कैप चैनल घोषित किया था, आज उस शासनादेश को त्रिवेंद्र सरकार ने रद्द कर दिया। सरकार इसकी अधिसूचना सोमवार को जारी करेगी। इसी के साथ हरिद्वार में हरकी पैड़ी पर मां गंगा को फिर अपना पुराना स्वरूप मिल जाएगा।
-मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने संतों को दी सरकार के फैसले की जानकारी, अधिसूचना सोमवार को
साल 2016 में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत सरकार ने हरकी पैड़ी पर गंगा को स्कैप चैनल के रूप में बदलने का एक आदेश जारी किया था। उसे रविवार को मुख्यमंत्री ने निरस्त कर दिया। इस आदेश के लगातार हो रहे विरोध पर आखिरकार त्रिवेंद्र सरकार को फैसला करना पड़ा।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने रविवार को अपने आवास पर गंगा सभा के पदाधिकारियों से बातचीत की। गंगा सभा के महामंत्री तन्मय वशिष्ठ ने मुख्यमंत्री से मुलाकात के दौरान हुई बातचीत का ब्योरा दिया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने हिंदू भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले उस आदेश को निरस्त कर दिया है।
उल्लेखनीय है कि कोर्ट और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने गंगा से 200 मीटर के दायरे में निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी थी। साल 2016 में हरीश रावत सरकार ने एक अध्यादेश जारी कर हरकी पैड़ी पर बह रही गंगा को स्कैप चैनल घोषित कर दिया था। तब से इस पर विवाद होता रहा है। हरीश रावत सरकार के इस फैसले का उस समय भी संत समाज और तीर्थ पुरोहितों ने तीखा विरोध किया था। उसके बाद 2017 में भाजपा की सरकार बनी। लोगों की उम्मीद जगी कि यह सरकार इस अध्यादेश को रद्द करेगी, लेकिन सरकार ने इस दिशा में आश्वासन देने के बजाय कुछ नहीं किया। इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने गंगा का नाम बदलने की गलती मानते हुए साधु -संतों से माफी मांग ली। त्रिवेंद्र सिंह की अगुवाई वाली प्रदेश की भाजपा सरकार के इस फैसले के बाद 63 दिन से हरकी पैड़ी पर चल रहा तीर्थ -पुरोहितों का धरना भी समाप्त हो गया।
हिन्दुस्थान समाचार/रजनीकांत/मुकुंद
Submitted By: Edited By: Mukund Published By: Mukund at Nov 22 2020 2:31PM