निजमूला घाटी आखिर स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंची, बांटी दवा

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उत्तराखंड
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चमोली जिले के निजमूला घाटी के गांवों में ग्रामीण बुखार से पीड़ित हैं। गांवों से चिकित्सालय की दूरी अधिक होने और कोविड की पाबंदियों के चलते ग्रामीण अस्तपाल नहीं पहुंच पा रहे हैं।
चमोली जिले की निजमूला घाटी के ईराणा, पाणा, गाड़ी, सैंजी, ब्यारा, गौंणा गांवों में इन दिनों ग्रामीण बड़ी संख्या में बुखार से पीड़ित हैं। ग्राम प्रधान ईराणी मोहन सिंह नेगी  और रणजीत सिंह ने बताया कि घाटी के सभी गांवों में इन दिनों ग्रामीण बुखार से पीड़ित हैं।
रविवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने व्यारा और सैंजी गांव में पहुंच कर ग्रामीणों का स्वास्थ्य परीक्षण किया। साथ ही 40 ग्रामीणों का  कोविड सैंपल भी लिए। सौ से अधिक लोगों को दवा वितरित की।
क्षेत्र पंचायत सदस्य मंजू देवी, विरेंद्र कठैत, चंद्र सिंह नेगी, प्रकाश बिष्ट, विक्रम रावत का कहना है कि गांव में काफी समय से लोग बुखार से  पीड़ित हैं। टीम ने 40 लोगों को कोविड सैंपल लेने के बाद घर में एकांतवास में रहने की चेतावनी दी है।इस टीम में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चमोली के डा. राहुल बिष्ट के नेतृत्व में चार लोग शामिल थे।
प्रभारी सीएमओ एसएम खाती के मुताबिक  निजमूला घाटी में बुखार से पीड़ित ग्रामीणों की सूचना पर चिकित्सक के नेतृत्व में चार लोगों की टीम घाटी में भेजी गई है।
उत्तराखंड में कोरोना को लेकर जिस बात का डर था वो अब सच होती जा रही है। अब राज्य के पहाड़ी इलाकों के गांवों में भी कोरोना ने अपने पैर फैला लिये हैं। कबीना मंत्री सुबोध उनियाल ने समाचार ऐजेंसी से बात करते हुए कहा कि “राज्य के पहाड़ी और दूर दराज के इलाकों में अब कोरोना फैल गया है। यह परेशानी का सबब है और इस चेन ते तोड़ने के लिये 10 मई से पहले सरकार कड़ा फैसला ले सकती है।