(देहरादून) निजी अस्पतालों द्वारा परिसर स्थित मेडिकल स्टोर से सांठ गांठ कर दवाओं की बिक्री की अनिवार्यता किए जाने की मनमानी नहीं चलेगी। मरीज के उपचार दवाओं की खरीद के लिए मरीजन स्वतंत्र होंगे। इतना ही नहीं अस्पताल प्रशासन द्वारा इसे लेकर किसी प्रकार का दबाव भी नहीं बनाया जा सकेगा। चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण महानिदेशालय ने इसे लेकर विशेष निर्देश जारी किए हैं।
मरीज के उपचार के लिए दवाओं की खरीद अस्पताल के अंदर मेडिकल स्टोर से ही लेने की बाध्यता पर स्वास्थ्य विभाग खासा गंभीर नजर आ रहा है। चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण महानिदेशालय के औषधि नियंत्रक ताजबर सिंह जग्गी ने निजी अस्पतालों, नर्सिंग होम, पालीक्लिनिक व अन्य चिकित्सालयों आदि को लिखित रूप से आदेश देते हुए दवाओं की खरीद फरोख्त केवल अस्पताल परिसर के मेडिकल स्टोर से लेने की अनिवार्यता पर लगाम कस दी है। निर्देशों के मुताबिक ऐसे चिकित्सालय जिनमें निजी चिकित्सालय, नर्सिंग होम, पालीक्लिनिक व अन्य चिकित्सालय आदि जिन के परिसर में औषधि विक्रय स्टोर या फार्मेसी स्थित हैं। वे अपने प्रतिष्ठानों में प्रमुख स्थान पर हिंदी में अंग्रेजी भाषा में बोर्ड भी लगाएंगे। मेडिकल स्टोर को बोर्ड पर साफ शब्दों में अंकित करना होगा कि ‘कोई भी व्यक्ति इस प्रतिष्ठान के परिसर में स्थित औषधि विक्रय स्टोर/फार्मेसी से औषधी व अन्य मेडिकल वस्तु लेने के लिए बाध्य नहीं है। वे किसी भी बाहरी औषधि विक्रय स्टोर से औषधि या फिर मेडिकल वस्तु क्रय करने के लिए पूर्ण रुप से स्वतंत्र है। औषधि नियंत्रक ताजबर सिंह जग्गी ने बताया कि जारी किए गए निर्देशों में चिकित्सालय प्रबंधन व कर्मियों को भी हिदात दी गई हैं कि वे किसी बाहरी स्टोर से लाई गई दवाओं से उपचार आदि के लिए बंधन नहीं लगा सकते हैं। बताया कि प्रदेश में मरीजों और उनके परिवारों के संभावित शोषण पर लगाम लगाने के मकसद से यह निर्णय लिया गया है। निर्देशों की अवहेलना पाए जाने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की जाएगी।