उत्तराखंड में रविवार से मौसम तीखे तेवर अपना सकता है। मौसम विभाग के मुताबिक अगले 24 घंटों में राज्य में अनेक स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा और कहीं-कहीं ओलावृष्टि की संभावना है। उत्तरकाशी, चमोली, रुदप्रयाग, बागेश्वर, नैनीताल व पिथौरागढ़ जिलों में कुछ स्थानों पर 28 से 30 मई तक भारी वर्षा की चेतावनी जारी की गई है।
इसे देखते हुए चारधाम यात्रा मार्गों पर विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है। इस बीच शनिवार शाम पिथौरागढ़ तहसील के गौरीहाट क्षेत्र में बादल फटने से कई घरों में पानी घुस गया, जबकि खेत मलबे से अट गए और पेयजल लाइन व संपर्क मार्ग बह गए। कई क्षेत्रों में ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान पहुंचा है।
वहीं, बदरीनाथ राजमार्ग पर लामबगड़ के पास शुक्रवार देर शाम पत्थर गिरने पर प्रशासन ने ऐहतियात के तौर पर यात्रियों को गोविंदघाट और पांडुकेश्वर में रोक लिया था। शनिवार सुबह मार्ग खुलने पर उन्हें आगे जाने की इजाजत दी गई।
राज्य में इन दिनों गाहे-बगाहे हो रही बारिश, ओलावृष्टि व अंधड़ का सिलसिला जारी है। मौसम विज्ञान केंद्र देहरादून के निदेशक विक्रम सिंह के मुताबिक रविवार से यह और तेज होगा। ऐसे में चारधाम यात्रा मार्गों पर संवेदनशील स्थलों पर भूस्खलन व सड़क बाधित होने के अंदेशे से इनकार नहीं किया जा सकता। लिहाजा, यात्रियों के साथ ही प्रशासन को विशेष सतर्कता बरतनी होगी। उधर, राज्य आपदा प्रबंधन एवं न्यूनीकरण केंद्र के अधिशासी निदेशक डॉ.पीयूष रौतेला ने बताया कि मौसम विभाग की चेतावनी के मद्देनजर संबंधित जिलाधिकारियों को अलर्ट रहने को कहा गया है।
इस बीच, शनिवार को भी पर्वतीय क्षेत्रों में कुछ स्थानों पर मौसम का मिजाज बिगड़ा रहा। पिथौरागढ़ तहसील के गौरीहाट क्षेत्र में शाम के वक्त बादल फटने से झूलाघाट मार्ग तीन जगह बाधित हो गया। जिले के मुनाकोट व कनालीछीना क्षेत्रों में एक घंटे तक ओलावृष्टि से फसलों को खासी क्षति पहुंची है।
चमोली जिले में भी कुछ स्थानों पर जोरदार बारिश हुई, जबकि जिले की ऊंची चोटियों पर दोपहर बाद हल्की बर्फ भी पड़ी। टिहरी जिले में शुक्रवार शाम हुई बारिश और अंधड़ के चलते गुल हुई डेढ़ सौ गांवों की बिजली अभी तक बहाल नहीं हो पाई है। इनमें जौनपुर ब्लाक के 100 गांव भी शामिल हैं। धनोल्टी क्षेत्र में भी पेड़ गिरने से विद्युत लाइनें अस्तव्यस्त हो गईं थीं।