देहरादून, उत्तराखण्ड की राजधानी देहरादून समेत राज्यभर में पिछले कई दिनों से हो रही लागातार हो रही बारिश से प्रदेश की नदियां उफान पर हैं। जिससे प्रदेश के राजमार्गों समेत लगभग 60 से अधिक ग्रामीण सड़कें बाधित हैं। इन्हें खोलने का कार्य जारी है। वहीं रायवाला में शुक्रवार तड़के करीब ढाई बजे सौंग नदी की धारा अस्थाई तटबंध को तोड़ते हुए गांव की तरफ मुड़ गई, जिससे लोग दहशत में आ गए। मौसम विभाग की माने तो अगले 36 घंटे कुमाऊं में भारी बारिश के आसार हैं, जबकि गढ़वाल में भी कही-कहीं तेज बौछारें पड़ सकती हैं। मौसम के मिजाज को देखते हुए शासन ने एनडीआरएफ और एसडीआरएफ को अलर्ट पर रखा है।
देहरादून गुरुवार रात को करीब आधे घंटे तक हुई मूसलाधार बारिश से राजधानी के कई इलाकों में पानी भर गया। इसके चलते लोगों को खासी परेशानी झेलनी पड़ी। विशेषकर पटेलनगर, मोहकमपुर, जोगीवाला, नेहरू कॉलोनी, धर्मपुर, घंटाघर, आराघर, छह नंबर पुलिया, कारगी चौक, आईएसबीटी, माजरा, मंडी समेत कई अन्य क्षेत्रों में जलभराव के कारण लोगों को दिक्कतें झेलनी पड़ी।
मौमम विभाग के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया उत्तराखण्ड में अगले 36 घण्टे में कहीं-कहीं भारी वर्षा की संभावना जताई गई है। तीन अगस्त से सात अगस्त तक प्रदेश के अधिकतर क्षेत्रों में हल्की से मध्यम वर्षा गरज के साथ हो सकती है। राज्य में पांच और छह अगस्त को कहीं-कहीं भारी से बहुत भारी वर्षा की आशंका व्यक्त की गई है। विभाग ने इसके लिए चेतावनी जारी की है और लोगों को एलर्ट रहने की सलाह दी हैं। उन्होंने बताया कि पश्चिमी दबाव के सक्रिय होने से 28 जुलाई से उत्तराखंड में बारिश के दौर ने जोर पकड़ा हैं।
राजधानी के अलग-अलग हिस्सों में गुरुवार रात करीब आठ बजे से तेज बारिश शुरू हो गई। जिससे सौंग व गंगा नदी उफान पर है। इससे तटवर्ती क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। शुक्रवार तड़के करीब ढाई बजे सौंग नदी की धारा अस्थाई तटबंध को तोड़ते हुए गांव की तरफ मुड़ गई, जिससे लोग दहशत में आ गए। कई घरों तक पानी घुस गया। वहीं सूचना पर रायवाला पुलिस तत्काल मौके पर पहुंची। एसडीआरएफ की टीम ने एक गौशाला से दो लोगों व पांच मवेशियो को सुरक्षित बाहर निकाला। नदीं की धारा डायवर्ट होने से गांव के बड़े क्षेत्र में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। हालांकि, तीन घंटे उफान के बाद फिर से नदी का स्तर कम हो गया है, जिससे लोगों ने राहत की सांस ली, लेकिन अभी भी जारी लगातार बारिश से खतरा बरकरार है। मोहकमपुर क्षेत्र में आधे घंटे के दौरान करीब 45 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई। वहीं सर्वे चौक क्षेत्र में भी 20 मिमी बारिश दर्ज की गई। मोहकमपुर समेत आसपास के क्षेत्रों में तेज बारिश को देखते हुए मौसम विभाग ने बादलों की मॉनिटरिंग शुरू कर दी।
मौसम केंद्र निदेशक बिक्रम सिंह की अगुवाई में अधिकारियों ने भारी बारिश के आधार पर बादल फटने की आशंका व्यक्त की। उन्होंने तुरंत जिलाधिकारी एसए मुरुगेशन और आपदा प्रबंधन केंद्र अधिकारियों को सूचना दी। मौके पर एसडीआरएफ तैनात कर दी गई. नदी किनारे के सभी इलाके खाली करा दिए गए। मौसम विभाग के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि सहस्त्रधारा और कुआंवाला क्षेत्र में भी भारी बारिश रिकॉर्ड की गई। गौतरलब है कि बीते माह इंदिरा नगर क्षेत्र में बादल फटने की घटना सामने आई थी। यहां एक घंटे में 100 मिमी से अधिक बारिश रिकॉर्ड की गई थी। बारिश की वजह से क्षेत्र में भारी तबाही हुई थी।
चार धाम यात्रा मार्गों पर भी बार-बार यातायात बाधित हो रहा है। बरसाती नदियां उफान पर हैं, पैदल पुल और मार्ग क्षतिग्रस्त होने से कई जिलों में ग्रामीण इलाके अलग-थलग पड़े हैं।उत्तरकाशी में भूस्खलन के कारण गंगोत्री हाईवे लालढांग के पास दो घंटे बंद रहा, जबकि यमुनोत्री हाईवे डाबरकोट, जंगलचट्टी के पास बंद है। यमुनोत्री हाईवे के लगातार बंद रहने से लोगों को परेशानी हो रही है। पौड़ी जिले के श्रीनगर गढ़वाल में पहाड़ी से मलबा गिरने के कारण ब्रह्मपुरी, शिवपुरी और गूलर के पास नेशनल हाईवे बीती रात से बंद था। शुक्रवार सुबह लगभग साढ़े आठ बजे मलबा हटाने के बाद एनएच पर यातायात शुरू हुआ।
जिला आपातकालीन परिचालन केन्द्र से मिली जानकारी के अनुसार शुक्रवार को प्रातः आठ बजे तक सोनप्रयाग से 377 तीर्थ यात्री केदारनाथ के दर्शन के लिए गये तथा 36 तीर्थ यात्री दर्श न कर वापस आये। ऋषिकेश-केदारनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग के लिए छाटे बड़ें-वाहनों के लिए यातायात खोल दिया गया है। सोनप्रयाग केदारनाथ पैदल मार्ग चालू है।