पहाड़ ‘सतझड़’ की ओर ! झील के पूरे गेट खोलने के बाद भी बढ़ रहा जल स्तर

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नैनी

पिछले सप्ताह मानसून के करीब-करीब विदाई तक बारिश-पानी के लिए तरसता नैनीताल और इसकी विश्व प्रसिद्ध नैनी झील अब पानी से तरबतर व लबालब हो गए हैं। इसके बाद भी मौसम विभाग ने सोमवार सुबह आठ व 10 बजे एक बार फिर प्रदेश के नैनीताल सहित अल्मोड़ा, बागेश्वर, गढ़वाल और पिथौरागढ़ जिलों में अगले तीन घंटों के लिए भारी बारिश की चेतावनी जारी की है।

इधर नैनीताल में शुक्रवार रात्रि 10 बजे से यानी चार दिनों से लगातार बारिश हो रही है और पहाड़ पुराने दौर में लगातार सात दिनों तक होने वाली ‘सतझड़’ बारिश की ओर जाते नजर आ रहे हैं।

बारिश की वजह से नैनीताल में स्थिति यह है कि नैनी झील के चारों गेट स्काडा सिस्टम के माध्यम से पूरे यानी 18 इंच खोल दिए हैं। इनसे प्रति सेकेंड 150 क्यूसेक पानी बलियानाला से होते हुए नैनी झील से निकल रहा है, फिर भी कल 11 फिट तीन इंच रहा झील का जल स्तर बढ़कर 11 फिट आठ इंच हो गया है।

गौरतलब है कि यदि बारिश और तेज हुई तो इसे संभालने का और कोई प्रबंध नहीं है। ऐसे में यदि झील का जल स्तर और करीब 10 इंच बढ़ता है यानी 12 फिट 6 इंच तक हो जाता है तो झील का पानी फिर सड़क तक आ सकता है। हालांकि उम्मीद की जा रही है कि ऐसी स्थिति नहीं आएगी। झील नियंत्रण कक्ष में प्रभारी सुपरवाइजर रमेश गैड़ा की अगुवाई में सिचाई विभाग के लोग इन स्थितियों पर लगातार नजर रखे हुए हैं। नगर में बारिश की वजह से मॉल रोड पर जगह-जगह सीवर लाइन उफन रही है। नाले भी पूरे जोर पर हैं।

इधर जनपद के आपातकालीन परिचालन केंद्र से प्राप्त जानकारी के अनुसार सुबह आठ बजे तक बीते 24 घंटों में नैनीताल में सर्वाधिक 136 मिमी, हल्द्वानी में 115, कोश्या कुटौली में 114, धारी में 115, बेतालघाट में 65, रामनगर में 35, कालाढुंगी में 39 व मुक्तेश्वर में 91.3 और इस प्रकार से जनपद में औसतन 88.3 जबकि इस वर्ष अब तक 1149.8 मिमी बारिश हुई है। बारिश के प्रभाव से जनपद में गौला नदी का जल स्तर 22750, कोसी का 32052 व नंधौर नदी का 2095 क्यूसेक पर पहुंच गया है। उल्लेखनीय है कि गौला व कोसी नदी में चेतावनी और खतरे का स्तर 10 हजार क्यूसेक और 60 हजार क्यूसेक का है। इस प्रकार गौला व कोसी दोनों नदियों का जल स्तर चेतावनी के स्तर पर पहुंच गया है।

बारिश की वजह से जनपद के 1 राष्ट्रीय राजमार्ग ज्योलीकोट-खैरना-क्वारब, 6 राज्य मार्ग रामनगर-तल्ली सेठी, गर्जिया-बेतालघाट, काठगोदाम-सिमलिया बैंड, धानाचूली-ओखलकांडा-खनन्यू, रामनगर-भंडारपानी-जहना-रीची व गर्जिया-बेतालघाट-ओड़ाखान तथा दो मुख्य जिला मार्ग अंबेडकर-रिखोली व भुजान बेतालघाट एवं 53 ग्रामीण मार्गों सहित कुल 62 मार्ग बंद हो गए हैं।

अच्छी बात यह है कि बीते 24 घंटों में किसी भी पशु, भवन या जन हानि व फसलों की हानि के साथ किसी के घायल होने की भी जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र को कोई सूचना प्राप्त नहीं हुई है। अलबत्ता, जनपद में ओखलकांडा के कालागढ़, भीमताल, तल्लीताल, मेहरागांव, गरमपानी व सुयालबाड़ी में आंशिक रूप से बिजली की आपूर्ति बाधित है।