बद्रीनाथ धाम में एकबार फिर मौसम ने करवट बदली है। जोरदार हिमपात के बाद कड़ाके की ठंड बढ़ गई है।बद्रीनाथ धाम सहित ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बीती रात्रि से मौसम ने करवट बदलना शुरू कर दिया, सुबह होते बद्रीनाथ धाम सहित नीती- माणा घाटियों में भी हिमपात शुरू हो गया।
बद्रीनाथ धाम में हिमपात के साथ कड़ाके की ठंड तो हुई लेकिन बद्रीनाथ पहुंचे तीर्थ यात्रियों ने बर्फबारी को नजदीक से देख सुखद अनुभव भी किया।
बद्रीनाथ पहुंची उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने भी बर्फबारी व कड़ाके की ठंड के बीच भगवान बद्रीविशाल के दर्शन व पूजन किए।
बदरीनाथ धाम के कपाट 19 नवंबर को होंगे बंद
श्री बदरीनाथ धाम के कपाट 19 नवंबर को अपराह्न 3 बजकर 35 मिनट पर शीतकाल के लिए बन्द होंगें। कपाट बन्द किए जाने से पूर्व पंच पूजाओं के तहत 15 नवंबर से पूजाएं प्रारम्भ होंगीं।
धर्माधिकारी आचार्य राधाकृष्ण थपलियाल के अनुसार 15 नवंबर को भगवान गणेश की पूजा के उपरांत कपाट बन्द होंगे। 16 नवंबर को आदिकेदारेश्वर मंदिर में अन्नकूट पूजा के बाद आदिकेदारेश्वर मंदिर के कपाट बन्द किए जाएंगे। 17 नवंबर को खडक पुस्तक का पूजन होगा। इस दिन से बदरीनाथ धाम मे वेद ऋचाओं का वाचन बन्द होगा।
18 नवंबर को अभिजीत मुहूर्त मे माता लक्ष्मी का आवाहन व पूजन होगा और 19 नवंबर को प्रातः अभिषेक के उपरांत भगवान बद्रीविशाल का पुष्प श्रृंगार होगा। अपराह्न मे नित्य पूजाएं सम्पन्न होने पर माता लक्ष्मी का गर्भ गृह मे प्रवेश होगा और अपराह्न 3 बजकर 35 मिनट पर भगवान बद्रीविशाल के कपाट शीतकाल के लिए बन्द किए जाएंगे।
इधर, कपाट बन्द होने से पूर्व 6 माह से बदरीनाथ मे संचालित श्री बदरी-केदार मंदिर समिति का कार्यालय भी समिति के मुख्यालय जोशीमठ मे शिफ्ट हो जाएगा।
समिति के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी गिरीश चौहान के अनुसार समिति का कार्यालय 16 नवंबर को जोशीमठ पहुंचेगा। इसके लिए आदेश जारी कर दिये गए हैं।