उत्तराखंड में भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना, दो जुलाई तक रह सकती है ऐसी ही स्थिति

0
293
मानसून

मौसम विभाग ने प्रदेश में अपने पांच दिनी पूर्वानुमान में 30 जून तक अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम और भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना जताई है। यही स्थिति एक और दो जुलाई को भी बनी रहेगी। उन्होंने छोटी नदी नालों के समीप रहने वाली बस्तियों के लोगों को सावधान किया है। किसानों को भी सलाह दी गई है कि वे अपनी -पकी हुई सब्जियाें और तैयार फसलों को सुरक्षित कर लें।

मौसम विभाग के निदेशक बिक्रम सिंह ने 28 जून को नैनीताल, चंपावत, टिहरी, पौड़ी, हरिद्वार, देहरादून, बागेश्वर और पिथौरागढ़ में कहीं-कहीं भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना जताई है जबकि उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग में कहीं-कहीं भारी बारिश हो सकती है। 29 जून को प्रदेश के नैनीताल, चंपावत, ऊधमसिंहनगर, टिहरी, पौड़ी, देहरादून, हरिद्वार, बागेश्वर, पिथौरागढ़ जनपदों में भारी से भारी बारिश हो सकती है।

राज्य के उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग जनपदों में कहीं-कहीं भारी बारिश हो सकती है। 30 जून को नैनीताल, बागेश्वर, देहरादून, टिहरी, पौड़ी में भारी बारिश हो सकती है जबकि एक जुलाई को देहरादून, टिहरी, बागेश्वर जिले भी भारी बारिश की जद में होंगे। दो जुलाई को उत्तराखंड राज्य के पर्वतीय जनपदों में कहीं-कहीं आकाशीय बिजली चमकने और बारिश का तीव्र दौर जारी रहने का अनुमान है।

मौसम विभाग निदेशक ने चेतावनी दी है कि इस अवधि में आकाशीय बिजली के साथ बारिश का तीव्र से अति तीव्र दौर अथवा बहुत भारी बारिश हो सकती है। संवेदनशील क्षेत्रों में भूस्खलन और चट्टान गिरने की संभावना है। कहीं-कहीं बिजली गिरने से जानमाल की क्षति हो सकती है। उन्होंने छोटी नदी नालों के समीप रहने वाली बस्तियों के लोगों को सावधान रहने को कहा है। किसानों को सलाह दी है कि वे पकी हुई सब्जियाें और तैयार फसलों को सुरक्षित कर लें।

राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र ने मंगलवार को चारधाम यात्रियों की संख्या जारी करते हुए बताया है कि इस दिन 29066 यात्रियों ने चार धामों की यात्रा की। बद्रीनाथ में 11571, हेमकुंड में 2469, केदारनाथ 7788, गंगोत्री 4376, गोमुख 147 और यमुनोत्री 2715 यात्री पहुंचे हैं। अब क्रमिक यात्रियों की संख्या 32 लाख 89 हजार छह सौ पहुंच गई है। नदियां खतरे के निशान के आसपास बह रही हैं। कई राष्ट्रीय राजमार्ग जो पहले बंद थे, वे खोल दिए गए हैं।