हेली कंपनियों की मनमानी से श्रद्धालु परेशान

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हेली कम्पनियों की मनमानी से कई श्रद्धालु केदारनाथ दर्शन के बिना मायूस होकर वापस लौटने को मजबूर हैं। श्रद्धालुओं के अनुसार हेली कंपनियां यात्रियों को सुविधा देने का दावा जो करती हैं, धरातल पर वह नजर नहीं आ रहा है।
देवप्रयाग से केदारनाथ यात्रा पर गई वरिष्ठ भाजपा नेता व राज्य मंत्री स्वर्गीय ज्ञान सिंह नेगी की पुत्री रजनी रावत व उनके पति डॉ. बीएस रावत ने बताया कि उन्होंने एर्रो हेली कंपनी  में टिकट बुक कराने के बाद जाखीधार हेलीपैड गुप्तकाशी पहुंचे। वहां  तीन दिन तक कंपनी ने बहाना बनाकर उन्हें केदारनाथ तक नहीं पहुंचाया। इस बीच हेली कंपनी ने एक दिन में 6500 से किराया बढ़ाकर 7750 रुपये कर दिया। उनसे उसी किराये का भुगतान करने का दबाब बनाया। जिसे देने के लिए अन्य यात्रियों की तरह उनकी भी मजबूरी बन गई। बाबजूद इसके उन्हे एरो हेली कंपनी ने केदारनाथ का टिकट नहीं दिया। मजबूरन उन्हें वापस लौटना पड़ा।
ऐसा ही देवप्रयाग के शेखर भट्ट के साथ हुआ। वह भी अपनी 81 वर्षीय दादी को हेलीकाप्टर से केदार दर्शन के लिए ले गए थे, जिसके लिए उन्होंने काफी पहले बुकिंग भी करवा दी थी, मगर हेली कंपनी लगातार दो दिन कड़ाके की ठंड में बुजुर्ग महिला को आने के लिए मजबूर करती रही। तीसरे दिन तड़के बुजुर्ग को भारी ठंड में केदारनाथ पहुंचाया। गुजरात के अमित लाल सोलंकी ने बताया कि हेली कंपनी ने उनके आठ सदस्यी परिवार को तड़के 6 बजे जाखीधार हेलीपैड पहुंचने को कहा और पूरे दिन बैठाए रखा। आगरा के अशोक कुमार गोयल के अनुसार उन्हें हेली कंपनी द्वारा फ्लाइट का जो नबर दिया गया था उसके बाद के कई नबरों को केदारनाथ पहुंचा दिया मगर उन्हें इंतजार करवाते रहे।
यात्रियों ने बतया कि हेलीपैड पर हेली सेवा की ओर से पानी, बाथरूम जैसी कोई सुविधा नहीं की गई है। एक स्थानीय व्यक्ति ने चाय की दुकान जरूर लगाई है, जिसके यहां  20 रुपये की चाय व 5 रुपये की नमकीन  बीस रुपये में मिल रही है। हेली सेवा के नाम यात्रियों को परेशान किये जाने की शिकायत यहां उड्डयन विभाग से भी गई है।