रुद्रप्रयाग। उत्तराखंड में 90 किमी लंबे बदरीनाथ-केदारनाथ ट्रैक पर फंसे ओएनजीसी व आइओसी के ट्रैकिंग दल के नौ सदस्यों की लोकेशन का पता चल गया है लेकिन उन्हें निकाला नहीं जा सका। वहां वायु सेना के चीता हेलीकॉप्टर की लैंडिंग नहीं हो पाई है। हालांकि, हेलीकॉप्टर से खाद्य सामाग्री, दवाएं पहुंचाई गई हैं। रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने बताया कि अब वायु सेना अन्य विकल्पों पर विचार कर रही है।
गुरुवार को मौसम साफ होने पर हेलीकॉप्टर ने एक बार फिर उड़ान भरी। जिस स्थान पर ट्रैकर्स फंसे हुए उस स्थान का पता चल गया है। समुद्रतल से सोलह हजार फीट ऊंचे इस स्थान पर सात से आठ फीट बर्फ है और ढलान होने के कारण यहां पर हेलीकॉप्टर नहीं उतर पाया।
इसके अलावा ट्रैकर्स की तलाश में पैदल गया एसडीआरएफ का दस सदस्यीय दल भी आधे रास्ते से लौट आया है। दल के पांच सदस्य मंगलवार को किसी तरह मद्महेश्वर पहुंचे और प्रशासन को सूचना दी। सड़क से 18 किलोमीटर पैदल दूरी पर मद्महेश्वर के लिए प्रशासन ने एक टीम भेजी है। जो इन पांचों लोगों से संपर्क करेगी। 14 सदस्यीय यह दल 21 सितंबर को बदरीनाथ से रवाना हुआ था और 24 सितंबर को टीम लीडर पश्चिम बंगाल निवासी सुप्रिया वर्मन की तबीयत बिगड़ गई। सुप्रिया इंडियन ऑयल में उप महाप्रबंधक हैं। पवन कौशिक, भगवती प्रसाद और सारांश शर्मा दिल्ली के रहने वाले हैं। इसके अलावा दल के साथ गाइड के रूप में उत्तरकाशी के धर्मेंद सिंह हैं, जबकि चार स्थानीय पोर्टर भी शामिल हैं।