देहरादून, सड़क दुर्घटनाओं में घायलों व पीड़ितों की मदद करने वाले को इनाम दिया जाएगा। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय केन्द्र सरकार ने सड़क दुर्घटनाओं में घायलों व पीड़ितों की मदद के लिए अधिसूचना निर्गत की है। इसके आधार पर शनिवार को पुलिस उपमहानिरीक्षक/ निदेशक यातायात उत्तराखण्ड केवल खुराना ने राज्य के सभी जनपदों को निर्देश जारी किये हैं।
ये हैं नियम और निर्देश
-काेई भी व्यक्ति अगर सड़क दुर्घटना में घायलों की मदद करता है तो उससे कोई प्रश्न नहीं पूछा जाएगा।
-कोई भी व्यक्ति जो सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्तियों की मदद करेगा उसको इनाम भी दिया जायेगा।
-कोई भी व्यक्ति जो सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्तियों की मदद करेगा उसे फोन पर या व्यक्तिगत रूप से नाम व पता पूछने पर बाध्य नहीं किया जायेगा।
– कोई भी व्यक्ति जो सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्तियों की मदद करेगा उसके नाम व पता जैसी व्यक्तिगत सूचना को स्वैच्छिक तथा वैकल्पिक बनाया जायेगा।
– उन लोकअधिकारियों के विरुद्ध अनुशासनात्मक या विभागीय कार्यवाही की जाएगी जो किसी ऐसे व्यक्ति को (जो सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्तियों की मदद करेगा) अपना नाम व पता देने के लिये बाध्य करेगा।
– अगर कोई व्यक्ति सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्तियों को सार्वजनिक या निजी अस्पताल में भर्ती करवाता है तो ऐसे व्यक्ति से अस्पताल भुगतान की मांग नहीं करेगा।
-सड़क दुर्घटनाओं से सबंधित किसी आपातकालीन परिस्थिति में,जिस समय डॉक्टर से चिकित्सीय देखभाल प्रदान किये जाने की आशा की जाती है। अगर वह नहीं करता है तो भारतीय चिकित्सा परिषद (व्यवसायिक आचार,शिष्टाचार और नैतिक) विनियम,2002 के अध्याय-7″ व्यवसायिक कदाचार”के अन्तर्गत सम्मिलित किया जायेगा और उसके विरुद्ध विनियम के तहत अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी।
-राज्य के सभी अस्पतालों को इस आशय से अपने प्रवेश द्वार पर हिंदी,अंग्रेजी और राज्य क्षेत्र की भाषा में यह अंकित कराना होगा कि किसी भी सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति की मदद करने वाले व्यक्ति को अस्पताल में नहीं रोका जाएगा और न ही उसे धन जमा कराने के लिए बाध्य किया जाएगा।
-सड़क दुर्घटना के दौरान अगर कोई व्यक्ति इसकी सूचना पुलिस नियंत्रण कक्ष अथवा पुलिस थाने में फोन कॉल करता है तो उसके नाम,पता आदि नहीं पूछा जायेगा।
-किसी भी पुलिस अधिकारी द्वारा घटनास्थल पर पहुंचने पर सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्तियों की मदद करने वाले किसी व्यक्ति को रिकार्ड फार्म या लॉग रजिस्टर में नाम पहचान या पता बताने के लिये बाध्य नहीं करेगा।
-कोई भी पुलिस अधिकारी या कोई अन्य व्यक्ति किसी घायल व्यक्ति की मदद करने वाले व्यक्ति को गवाह बनने के लिये बाध्य नहीं करेगा।किसी भी मामले में गवाह बनने का विकल्प केवल मदद करने वाले व्यक्ति पर निर्भर करेगा।