उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित, सिखों का प्रसिद्ध तीर्थ हेमकुंङ साहिब स्थल है। यह हिमालय में 4632 मीटर (15,200 फुट) की ऊंचाई पर एक बर्फीली झील किनारे सात पहाड़ों के बीच स्थित है। ऋषिकेश से सड़क मार्ग से 290 किमी दूरी पर बदरीनाथ के समीप गोविंदघाट स्थित है। गोविंदघाट से 19 किमी की पैदल दूरी तय कर पवित्र हेमकुंड साहिब पहुंचा जाता है।चारधामों के खुलने के बाद 25 मई को हेमकुंड साहिब के कपाट खुलेंगे। सिख धर्म के दसवें गुरु गोविंद सिंह की तपस्थली हेमकुंड साहिब के कपाट सुबह नौ बजे श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ के लिये खोल दिए जाएंगे। इसकी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। कपाट मुख्य ग्रंथी की पहली अरदास के साथ खोले जाएंगे। 10 अक्तूबर को गुरुद्वारे के कपाट बंद होंगे।
यहां 19 दिन की मेहनत के बाद सेना की 18 इंजीनियरिंग कोर के 30 जांबाज जवानों ने पैदल मार्ग को श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया है। तीन किमी का यह रास्ता बर्फ काटकर बनाया गया है। यहां कई जगह पर आठ से दस फीट तक बर्फ जमी हुई थी। सेना के जवानों ने सीमित संसाधन होने के बावजूद रिकॉर्ड समय में पूरा किया। क्योंकि इतनी ऊंचाई पर बड़ी मशीनें पहुंचाना संभव नहीं है। ऐसे में सीमित उपकरणों के साथ सेना के जवानों ने स्थानीय लोगों की मदद से चट्टान की तरह जमी बर्फ को काटकर रास्ता तैयार किया। अब यात्री इस पैदल मार्ग से आवाजाही कर सकेंगे। हालांकि घोड़े और खच्चरों को धाम में पहुंचने में कुछ समय लगेगा।