100 प्राकृतिक जलस्रोतों का बचायेगा ‘स्वजल’

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पहाड़ पर बढ़ते पानी के संकट की आखिर शासन ने भी सुध ले ली है। ‘स्वजल’ को प्रदेश में स्रोत संवर्धन का काम सौंपने के बाद शासन ने प्राकृतिक जलस्रोतों के संवर्धन की भी तैयारी कर ली है। जारी शासनादेश ने पहले चरण में 100 बड़े प्राकृतिक जलस्रोतों का संवर्धन करने के निर्देश दिए, यह कार्य सभी जिलों में जिलाधिकारियों के निर्देशन में संपन्न होगा।

पिछले माह सचिवालय में हुई बैठक में पेयजल मंत्री ने पेयजल योजनाओं का निर्माण कार्य जल निगम, मरम्मत कार्य जल संस्थान और प्राकृतिक स्रोत संवर्धन का कार्य स्वजल को सौंपने का निर्णय लिया था। इसके बाद सचिव पेयजल ने दो दिन पहले स्रोत संवर्धन की कार्यवाही शुरू करने के निर्देश दिए हैं।

इस संबंध में उन्होंने कहा कि पहले चरण में स्वजल प्रदेश के सौ प्राकृतिक जलस्रोतों का संवर्धन करेगा। इस अभियान में जल संस्थान और पेयजल निगम की मदद ली जाएगी कि पहले किन स्रोतों का संवर्धन किया जाना है। इस कार्य के लिए राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम (एनआरडीडब्ल्यूपी) के तहत बजट की व्यवस्था की जाएगी। शासन से निर्देश जारी होने के बाद स्वजल इन स्रोतों के संवर्धन में आने वाले खर्च व संवर्धन के बाद मिलने वाले पानी की रिपोर्ट तैयार करने में जुट गया है।

दूसरे चरण में चलेगा व्यापक अभियान
सचिव पेयजल अरविंद सिंह ह्रयांकी ने बताया कि पहला चरण पूरा होने के बाद प्रदेश में स्रोत संवर्धन का काम व्यापक स्तर पर किया जाएगा। इसके लिए जल संस्थान व पेयजल निगम के साथ समन्वय बैठाकर कार्ययोजना तैयार की जाएगी।