जनता को तत्काल उपचार दिलाने के लिए चलाई गई 108 चिकित्सा वाहन सुविधा खुद बीमार नजर आ रही है। मानकों से अधिक चल चुके वाहन रास्ते में ही खराब होने लगे हैं। रोगियों को बीच रास्ते से वाहन बुक कर अस्पताल तक पहुंचना पड़ रहा है। ऐसा ही एक मामला रविवार को बेरीनाग तहसील में देखने मिला। गर्भवती को लेने जा रही 108 एंबुलेंस रास्ते में ही खराब हो गई और गर्भवती कहारती रही। बाद में गर्भवती की हालत बिगड़ने लगी तो निजी वाहन से उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया। रविवार शाम चार बजे राईआगर क्षेत्र में गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा हुई तो परिजनों ने 108 चिकित्सा सेवा को कॉल किया। कॉल आते ही चिकित्सा वाहन बेरीनाग से आठ किमी दूर राईआगर के लिए निकला। बेरीनाग से मात्र तीन किमी दूर बना बैंड के पास एंबुलेंस खराब हो गई।
उधर, खराब पड़ा 108 चिकित्सा वाहन अब तक साढ़े तीन लाख किमी चल चुका है। पर्वतीय क्षेत्र में दो लाख किमी चलने के बाद वाहन अनफिट घोषित किया जाता है। सरकार साढ़े तीन लाख किमी चल चुके बूढ़े वाहनों से लोगों को त्वरित उपचार देने का दावा कर रही है। आए दिन 108 चिकित्सा वाहन के खराब होने से रोगियों को इसकी सुविधा नहीं मिल रही है। व्यवस्था का संचालन कर रही जेवीके कंपनी द्वारा वाहनों के रखरखाव के लिए कोई खर्च नहीं दिया जा रहा है।
108 वाहन में कार्य करने वाले कर्मचारियों को दो माह से वेतन नहीं मिला है। पूर्व विधायक एवं कांग्रेसी नेता नारायण राम आर्य ने कहा है कि सौ दिन पूरे होने का जश्न मना रही प्रदेश की भाजपा सरकार को जन स्वास्थ्य की कोई चिंता नहीं है।