उत्तराखंड के चंपावत जिले में टनकपुर के पास स्थित प्रसिद्ध मां पूर्णागिरि के दर्शन करने जा रहे बरेली के नवाबगंज क्षेत्र के श्रद्धालुओं को एक डंपर ने रौंद दिया।इस हादसे में मौके पर ग्यारह श्रद्धालुओं की मौत हो गई। 19 अन्य घायलों को टनकपुर के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
हादसा कितना भयावह था इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि घटनास्थल पर मृतकों के शरीर के अंग सड़क पर बिखरे पड़े हैं और घटनास्थल खून से लाल हो गया है। बरेली के नवाबगंज क्षेत्र के तीन गांवों (बुखारीपुर, बिहारीपुर और सदरपुर) के करीब ढाई सौ श्रद्धालु मां का डोला लेकर बुधवार की सुबह पूर्णागिरी दर्शन के लिए निकले थे। शुक्रवार की सुबह टनकपुर पहुंचने पर इनके जत्थे में सबसे आगे इनका ट्रैक्टर चल रहा था। उसके बाद मां का डोला था। जिसके साथ श्रद्धालु भी पैदल चल रहे थे। जत्था जैसे ही सेल्स टैक्स दफ्तर के पास पहुंचा कि सितारगंज की ओर से अा रहा एक डंपर उन्हें रौंदते हुए आगे बढ़ गया। हादसे में नौ लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 19 लोग घायल हो गए। उधर, डंपर चालक कुछ दूर आगे जाने के बाद वाहन खड़ा कर फरार हो गया।
घटना की जानकारी होते ही प्रशासन ने बचाव कार्य के लिए सेना से मदद मांगी और घायलों को अस्पताल भिजवाया। वहां एक की हालत ज्यादा गंभीर होने पर चिकित्सकों ने उसे पीलीभीत रेफर किया। वहां ले जाते समय रास्ते में उसकी भी मौत हो गई। हादसे के बाद घायलों को अस्पताल पहुंचाने के लिए सेना व प्रशासनिक टीम के साथ स्थानीय लोग भी तत्परता के साथ आगे आए।
चश्मदीदों की मानें तो यह हादसा दो डंपरों की आपस में रेस की वजह से हुआ। दोनों डंपर एक-दूसरे से रेस कर रहे थे। जब एक डंपर ने अनियंत्रित होकर श्रद्धालुओं को रौंदा तो दूसरा डंपर पीछे से ही बैक करके वापस भाग गया। बताया जा रहा है कि दोनों डंपर खाली थे और खनन सामग्री लोड करने के लिए टनकपुर जा रहे थे।
मुख्यमंत्री ने हादसे पर सोक व्यक्त किया है। इसके साथ ही घायलों की सही तरह से दखभाल करने के आदेश भी अधिकारियों को दिये गये हैं।