देहरादून। रिस्पना नदी की स्वच्छता को लेकर नदी के उद्गम स्थल के पास ऋषिपर्णा घाट पर महाकालेश्वर (महाकाल) मंदिर प्रबंध समिति ने 1100 दीपक जलाने का निर्णय लिया है। यह दीप देव दीपावली तीन नवंबर को जलाए जाएंगे।
रविवार को जारी प्रेस बयान में महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के सेवादार ताराचंद के मुताबिक रिस्पना नदी को बचाने के लिए शुरू की जा रही इस मुहिम में विभिन्न जन संगठनों को जुड़ने का आग्रह किया गया है। दीप जलाने के साथ ही रंगोली और संगीत की प्रस्तुति दी जाएगी। इसके बाद भगवान शंकर का अभिषेक किया जाएगा। सेवदार ताराचंद ने देव दीपावली पर प्रकाश डालते हुए बताया कि इसी दिन देवताओं ने काशी में प्रवेश किया था। इस दिन कार्तित पूर्णिमा होती है और देवतागण दीपावली मनाते हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार तीनों लोक में त्रिपुरासुर नामक राक्षस का राज हो गया था।
राक्षस पर अंकुश लगाने के लिए देवतागण भगवन शिव के पास विनती लेकर पहुंचे थे और भगवान शिव ने कार्तिक पूर्णिमा के दिन त्रिपुरासुर का वध कर तीनों लोक को अत्याचार से मुक्त कराया था। इससे प्रसन्न देवताओं ने इस दिन स्वर्ग लोक में दीपक जलाए थे। तभी से कार्तिक पूर्णिमा के दिनदेव दीपावली मनाई जाती है। इसी कारण मंदिर समिति ने भी कार्तिक पूर्णिमा के दिन रिस्पना नदी की स्वच्छता के लिए दीप जलाकर लोगों को जागरूक करने का निर्णय लिया है। दीप महोत्सव में समिति के रामचंद्र, हरी भाई, अनारो देवी, कार्तिक दिनेश, अजय गोयल, सचिन शर्मा, शक्ति सागर कौशिक सहयोग कर रहे हैं।