चारधाम प्रोजेक्ट से जंगलों को नुकसान, एनएचएआई पर 12 लाख का जुर्माना

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एक्टिविस्ट और वन विभाग के कर्मचारियों का कहना है कि सड़क पर बेहिसाब मलबा जमा होने की वजह है पीएम नरेंद्र मोदी का प्रोजेक्ट ऑल वेदर रोड।जी हां 889 किलोमीटर के इस ऑल वेदर रोड परियोजना की वजह से पर्यावरण को बहुत नुकसान हो रहा है। बल्कि वन विभाग ने धमकी का संज्ञान लेते हुए, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के अधिकारियों को एक नोटिस भेजा और पिछले हफ्ते डिर्पाटमेंट पर 12 लाख रुपये का जुर्माना लगाया।

पिछले साल प्रधान मंत्री द्वारा घोषित 11,700 करोड़ रुपये की परियोजना में गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ के चार हिमालयी मंदिरों को जोड़ने वाली 889 किलोमीटर की सड़कों को ऑल वेदर रोड से जोड़ने की योजना है। परियोजना की समय सीमा मार्च 2019 है।फिलहाल टनकपुर-तवाघाट राष्ट्रीय राजमार्ग-9 को चौड़ा करने पर काम चल रहा है।

जिला वन अधिकारी विनय भार्गव ने बताया कि, “एनएच-9 निर्माण स्थल पर घाट और पिथौरागढ़ के बीच डंप ज़ोन के अलावा, बहुत से मलबे को जंगलों में फेंक दिया गया हैं। इसके कारण इस क्षेत्र के वनस्पति और वन्य जीवन को बहुत नुकसान हुआ है। डीएफओ ने कहा, “हमने पिछले हफ्ते एनएच अधिकारियों को इस बारे में नोटिस दिया है और 12 लाख रुपये से अधिक जुर्माना लगाया है।”

इस बारे में  एनएच 9 चौड़ा करने वाले परियोजना के कार्यकारी अभियंता एल डी मलेथा ने कहा कि, “राजमार्ग पर बहुत ट्रैफिक है कई बार, निर्माण करने वाले मजदूरों को सड़क खोलने के लिए सीधे नीचे के जंगलों में मलबे को डंप करने की मजबूरी हो जाती है ताकि ट्रैफिक को ज्यादा ना रोके और दोबारा गाड़ियों की आवाजाही शुरू कर सकें। हालांकि, अधिकांश मलबे को केवल नामित साइटों पर ही फेंक जा रहा है। “