उत्तराखंड में बादल फटने के कारण 20 लोगों की मौत

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उत्तराखंड के उत्तरकाशी को प्रकृति की मार का सामना करना पड़ रहा है। 17 अगस्त से हो रही लगातार बारिश के कारण बादल फटने और भूस्खलन के कारण कई घर, दुकान, स्कूल आदि बह गये हैं।

पिछले दो दिनों की बारिश के कारण मोरी तहसील के आराकोट मकूदी, काशता गाँव में बर्बादी का माहौल पसरा बना है। सचिव आपदा प्रबंधन एस ए मुर्गेशन के मुताबिक़ अब तक 20 लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है, करीब 13 गाँव आपदा से प्रभावित हुए है।

कल सुबह देहरादून से दो हेलीकॉप्टर संचार उपकरण और राहत और बचाव सामग्री लेकर आपदा ग्रस्त इलाक़े के लिये निकले हैं। तीन मेडिकल दल भी अराकोट पहुँच गये हैं। राज्य प्रशासन के आला अधिकारी भी मौक़े पर पहुँच कर हालात पर नज़र रखे हुए हैं। इनमें वित्त सचिव अमित नेगी, आई जी संजय गुंज्याल, और उत्तरकाशी के ज़िलाधिकारी आशीष चौहान शामिल हैं।

आराकोट से 6 घायलों को देहरादून एयरलिफ़्ट किया जा चुका है। इनमें से दो को दून अस्पताल में ख़ास बनाये गये आपदा आपातकाल केंद्र में भर्ती कराया गया है।अभी यहाँ मोरी तहसील से और घायलों के आने की उम्मीद है।

प्रदेश की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने प्रदेश में अति वृष्टि और दैवीय आपदा के कारण लोगों की मृत्यु पर गहरा दुःख व्यक्त किया है। राज्यपाल मौर्य ने आपदा में मृत लोगों की आत्मा की शांति की प्रार्थना करते हुए घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की है। राज्यपाल ने सोमवार को आपदा प्रबंधन सचिव अमित नेगी को राजभवन बुलाकर प्रदेश में दैवीय आपदा से उत्पन्न स्थितियों तथा राहत एवं बचाव कार्यो की जानकारी ली।
उन्होंने घायलों के लिए अच्छे से अच्छे उपचार को सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। राज्यपाल मौर्य ने आपदा प्रभावित क्षेत्रों में तैनात कार्मिकों और अन्य संसाधनों की जानकारी भी ली। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में पूरी सरकारी मशीनरी पूर्ण रूप से अलर्ट रहे और लोगों को जल्द से जल्द सहायता दी जाये। राज्यपाल ने लोगों कोे जागरूक रहने और हर सम्भव सावधानी बरतने की अपील की है। इस अवसर पर सचिव राज्यपाल रमेश कुमार सुधांशु, आईजी एसडीआरएफ संजय गुंज्याल भी उपस्थित थे।