देहरादून। प्रदेश सरकार भले ही युवाओं को स्वरोजगार से जोडऩे के लिए कौशल विकास पर जोर दे रही हो, लेकिन युवा कल्याण विभाग की कौशल विकास योजना, स्पेशल कंपोनेंट सब प्लान (एससीएसपी ) के बजट में बढ़ोतरी करने के बजाय बजट में भारी कटौती की गई है। इस वर्ष योजना को पिछले बजट का आधा भी नसीब नहीं हुआ है।
युवा कल्याण विभाग की ओर से कौशल विकास कार्यक्रम के अंतर्गत एससीएसपी योजना चलाई गई है। इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों के बेरोजगार युवाओं को स्वरोजगार से जोडऩा है। योजना के तहत युवाओं को तीन माह का कौशल विकास का उच्च प्रशिक्षण दिया जाता है। इसमें रिटेल, मल्टी-पर्पस हेल्थ वर्कर, सिलाई, हथकरघा, तकनीकी प्रशिक्षण शामिल हैं। इसमें युवाओं की रूचि के अनुरूप प्रशिक्षण दिया जाता है। साथ ही प्रशिक्षणार्थियों को तीन माह तक निशुल्क छात्रावास व खाने-पीने की निशुल्क व्यवस्था भी मुहैय कराई जाती है। एससीएसपी योजना के लिए वर्ष 2016-17 में 2 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए थे। इस धनराशि में विभाग द्वारा प्रदेशभर से 491 युवाओं को प्रशिक्षण मिला था। लेकिन इस वर्ष योजना को महज 70 लाख ही जारी हो पाया है। यानि पिछले बजट का 35 प्रतिशत। संभवत: इस राशि में पिछले वर्ष की तुलना में कम ही युवा योजना का लाभ ले सकेंगे।
युवा कल्याण निदेशालय की ओर से सभी जनपदों से एससीएसपी योजना के लिए लाभार्थियों के आवेदन मांगे गए हैं। अब सभी जनपद अपने-अपने जनपदों से सूची भेजेंगे। इसके बाद बजट के अनुसार लाभार्थियों की संख्या निर्धारित हो पाएगी। युवा कल्याण विभाग के संयुक्त निदेशक राकेश चंद्र डिमरी ने बताया कि एससीएसपी योजना एक सफल युवा कल्याणकारी योजना है। इस योजना में पिछले वर्ष 2 करोड़ रूपये मिला था, लेकिन इस वर्ष 70 लाख की धनराशि ही मिली है। इससे इस वर्ष पिछले वर्ष की तुलना में कम ही युवाओं को लाभ मिलेगा ।