आकस्मिक निरीक्षण में स्कूलों से गायब मिले पांच शिक्षक

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    सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की लापरवाही का सिलसिला खत्म होने का नाम नहीं ले रहा। विभाग के तमाम कड़े दिशा निर्देशों का शिक्षक जमकर मखौल उड़ा रहे हैं। आलम यह है कि सोमवार को विभाग द्वारा किए गए आकस्मिक निरीक्षण में प्रदेश के चार जनपदों के विभिन्न स्कूलों में पांच शिक्षक गैरहाजिर पाए गए।

    सरकारी स्कूलों को ढर्रे पर लाने की शिक्षा विभाग की तमाम कोशिशें फेल साबित हो रही हैं। खास बात यह कि विभाग के प्रयासों को स्कूलों में तैनात शिक्षक ही पलीता लगाने का काम कर रहे हैं। यह हम नहीं बल्कि विभाग द्वारा सोमवार को प्रदेश के चार जनपदों के सरकारी स्कूलों में किए गए आकस्मिक निरीक्षण के बाद सामने आए आंकड़े बता रहे हैं। सोमवार को महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा उत्तराखंड कैप्टन आलेक शेखर तिवारी के निर्देश पर चार जिलों के मंडलीय, जनपदीय व विकासखंड स्तर के अधिकारियों ने प्रारंभिक व माध्यमिक विद्यालयों में आकस्मिक निरीक्षण किया। निरीक्षण देहरादून, पौड़ी, नैनीताल व ऊधमसिंह नगर जिलों के 75 स्कूलों में किया गया। निरीक्षण के दौरान पांच शिक्षक बिना अनुमति के स्कूलों से गैरहाजिर पाए गए।
    अकेले देहरादून से चार शिक्षक गैरहाजिर
    शिक्षा नगरी देहरादून की बात करें तो यहां सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के गैर हाजिर रहने की स्थिति बाकी सभी जिलों की तुलना में सबसे बुरी है। यह हम नहीं बल्कि निरीक्षण से सामने आए परिणाम इसकी तस्दीक करते हैं। काम से मुंह मोड़ने का आलम यह है कि चार जिलों में निरीक्षण के दौरान गैरहाजिर शिक्षकों की संख्या राजधानी में सबसे ज्यादा है। पांच में से चार शिक्षक अकेले देहरादून जिले में गैरहाजिर पाए गए। खास बात यह कि इन चारों शिक्षकों में से तीन शिक्षक एक ही स्कूल से गायब मिले।
    दुर्गम में देंगे सेवाएं
    निरीक्षण के बाद विभाग ने स्थिति को गंभीरता से लेते हुए शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई करने का फैसला किया है। महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा कै. आलोक शेखर ने बताया कि बिना अवकाश स्वीकृति के अनुपस्थित पाए गए शिक्षकों को दुर्गम स्थानों में स्थानांतरित किए जाने के लिए नीति बनाए बनाई गई है। जिसके तहत स्कूलों में आकस्मिक निरीक्षण में अनुपस्थित पाए जाने वाले शिक्षकों को दुर्गम स्थानों में स्थानांतरित किया जाएगा। दुर्गम में सेवाएं देने की नीति के तहत विभाग निरंतर स्कूलों से गायब रहने वाले शिक्षकों के रिकार्ड खंगालेगा। जिसके बाद ऐसे शिक्षकों को दुर्गम में भेजा जाएगा। उन्होंने बताया कि स्कूलों की गुणवत्ता विभाग की पहली प्राथमिकता है। ऐसे में शिक्षकों की गैरहाजिरी बेहद संजीदा मुद्दा है। उन्होंने बताया कि शिक्षक के गैर हाजिर रहने से बच्चों को शिक्षित करने का कार्य प्रभावित हो रहा है। ऐसे में बच्चे भी स्कूलों से गैर हाजिर हो रहे हैं।
    यह शिक्षक रहे गैरहाजिर

    • बिजेंद्र सिंह रावत, राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, देहरादून
    • प्रतिक्षा पुंडीर, राजकीय प्राथमिक विद्यालय, कौलागढ़, देहरादून
    • अमर सिंह, राजकीय प्राथमिक विद्यालय, कौलागढ़, देहरादून
    • अनीता सकलानी, राजकीय प्राथमिक विद्यालय कौलागढ़, देहरादून
    • सुरेश जोशी, राजकीय इंटर कॉलेज, सितारगंज, ऊधमसिंह नगर

    इन स्कूलों में हुआ निरीक्षण

    • जिला स्कूल की संख्या बिना स्वीकृत अवकाश गैरहाजिर
    • देहरादून 41 04
    • पौड़ी 09 —
    • नैनीताल 23 —
    • ऊधमसिंह नगर 02 01
    • कुल 75 05