नोटबंदी के पचास दिन बाद बैंकों और एटीएम में लाइनें हुई कम

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नोटबंदी के पचास दिन पूरे हो चुके है और साथ ही पीएम मोदी द्वारा मांगे हुए 50 दिन की मोहलत भी खत्म हो गई  है। इन पचास दिनों में देशभर ने कई तरह की तस्वीरें देखी। बैंकों के सामने लंबी लंबी लाइने, बैंको के अंदप परेशान स्टाफ और ग्राहक, राजनीतिक दलों द्वारा घरने, कैश डिपाॅसिट और निकालने को लेकर रैज़ बदलते नियम कायदे। लेकिन प्रदानमंत्री द्वारा देश की जनता से मांगी गई इस मोहलत के बाद क्या हालात है ये जानने की कोशिश की हमने।

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देहरादून में एटीएम और बैंकों की लाईनें छोटी हो गई हैं और कैश की परेशानी पहले से काफी कम हो गई है। नेशविला रोड स्थित स्टेट बैंक के मैनेजर ने बताया कि “नोटबंदी के बड़े फैसले का शुरुआती दौर मुश्किलों भरा था लेकिन समय के साथ परेशानियां कम होती गई और आज पचास दिन बाद मेरे हिसाब से लोग इस फैसले से संतुष्ट हैं।अब हमारे ब्रांच में न तो लंबी लाइनें है न एटीएम में कैश की कमी है। लोग आते है अपना काम करते हैं और चले जाते हैं।” उन्होंने कहा कि “किसी भी बड़े फैसले को अमल करने में परेशानी तो होती है वही परेशानी शहर के बैंकों में आई थी और लोगों के जीवन में भी आई लेकिन अब स्थिति पहले से काफी बेहतर है।” उन्होंने बताया कि पिछले 50 दिनों में हमारे पास हजारों लोगों ने एटीएम कार्ड स्वैपिंग मशीन के लिए आवेदन किया है और हम जल्दी से जल्दी सभी को मशीन उपलब्ध कराने की कोशिश कर रहे हैं।इसके साथ ही अब पब्लिक ज्यादा से आनलाईन लेन देन कर रही जो कि 50 दिनों में बड़ा बदलाव है।

लोगों की निगाहें 31 दिसंबर पर टिकी है। इस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को संबोधित कर सकते हैं। गौरतलब है कि 8  नवंबर को भी ऐसे ही एक अचानक संबोधन में प्रधानमंत्री ने नोटबंदी का ऐलान किया था। ऐसे में लोगों को उम्मीद है कि प्रधानमंत्री लोगों के लिये कुछ नये ऐलान कर सकते हैं।

अमूमन राज्य के अधिकतर इलाकों से इसी तरह की खबरे आ रही हैं। अब इसे मजबूरी कहें या बदलाव की तरफ बढ़ता देश लोग पेटीएम और आनलाईन लेन देन करने के लिए तैयार हो रहे है और एटीएम कार्ड स्वैपिंग मशीन की मांग बढ़ना इस बात की तरफ इशारा करते हैं कि पीएम ने कालेधन के खिलाफ जो जंग छेड़ी थी उसमें अब हालात कुछ बेहतर हो रहे हैं। लेकिन अभी भी सरकार और खासतौर पर प्रधानमंत्री के लिये राह आसान नही है क्योंकि नोटबंदी तो सिर्फ पहला पढ़ाव है। अबी देश को कैशलेस इकाॅनमी बनाने और भ्रष्टाचार से निर्णायक लड़ाई लड़ने के लिये सरकार को बहुत कुछ करना बाकी है।