छह अनाथ बालिकाओं को गोद लेकर पढ़ा रहे घरिया

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गोपेश्वर। शिक्षक को समाज का प्रकाश पुंज या मार्ग निर्देशक यूंही नहीं कहा जाता है। शिक्षा के प्रति समपर्ण और और जो बच्चे परिस्थिति वश शिक्षा से वंचित होने को मजबूर होते है उन्हें भी शिक्षा की मुख्यधारा से जुड़े रहने तथा उन्हें संसाधन उपलब्ध कराने के लिए शिक्षक धनसिंह घरिया एक प्रेरक शिक्षक के रूप में जाने जा सकते है।
चमोली जिले के सुदुरवर्ती पोखरी विकास खंड के गोदली इंटर कालेज में तैनात शिक्षक धन सिंह घरिया ने छह ऐसी बेटियों को पढ़ाने के लिए गोद लिया है जिनके माता-पिता नहीं है और वे रिस्तेदारों के साथ रह कर पढ़ाई कर रही है। इन बालिकाओं को कपडे़, पाठय पुस्तकों के साथ ही अन्य सामग्री धनसिंह घरिया खूद उठाते है और अन्य संस्थाओं से सहायता लेकर इन बालिकाओं को पढा रहे है। बताते है कि उनके इस कार्य में हिमालय यू एंड मी फाउंडेशन नई दिल्ली तथा सूर्या फाउंडेशन फार सोसियल अपलिफमेंट देहरादून भी सहयोग करती है। धनसिंह घरिया अपने रिस्तेदारों से वस्त्रों की भिक्षा लेकर इन बच्चों को देते है। वर्ष में एक बालिका पर लगभग आठ हजार रुपये खर्च आता है।
इन बालिकाओं को लिया है गुरुजी ने गोद
धन सिंह घरिया को पेड़ वाले गुरु जी भी कहा जाता है। वे पर्यावरण संरक्षण के प्रति भी समर्पित है। बीस हजार से अधिक पौध रोपण कर चुके है। जिन बेटियों को गोद लिया है उनमें जमुना, बंदना, अंजली, सीमा, शालिनी व प्रांजली है। बताते है कि इनमें से दो बेटियों की शादी अगले वर्ष होनी प्रस्तावित है शादी का खर्च मैं स्वयं उठाऊंगा।