हल्द्वानी- कैलाश मानसरोवर यात्रा-2018 के पहले बैच को केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया और कहा कि हम आशा करते हैं कि हिमालय के कठिन इलाके से गुजरने वाली यह तीर्थयात्रा यात्री आसानी से पूरी कर लें। सिंह ने तीर्थयात्रियों को शारीरिक रूप से फिट रहने और यात्रा से ठीक तरह से लौटने की बात कही। 60 तीर्थयात्रियों वाला पहला बैच लिपुलख के माध्यम से कैलाश मानसरोवर पहुंचेगा। यात्रा के माध्यम से लिपुलेख पास (उत्तराखंड) और नातू ला पास (सिक्किम) के माध्यम से दो रास्ते हैं।
सिंह ने कहा, “इस साल यात्रा के 3,734 लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया था।सभी रजिस्ट्रेशन के बाद हमने लकी ड्रॉ किया जिसके बाद यात्रा के लिए लगभग 1500 लोग चुने गए”
तीर्थयात्री अठारह आरपीटी में 60 तीर्थयात्रियों के अठारह बैचों में लिपुलेख के माध्यम से कैलाश मानसरोवर पहुंचेगा। उन्होंने कहा कि 50 तीर्थयात्रियों के दस बैचों नाथू ला के रास्ते से वहां पहुंचेंगे।
लिपुलेख के माध्यम से यात्रा की अवधि प्रत्येक बैच के लिए 24 दिन है जिसमें शुरुआती काम के लिए दिल्ली के तीन दिन भी शामिल हैं। यह मार्ग नारायण आश्रम और पाताल भुवनेश्वर जैसी महत्वपूर्ण जगहों से होकर गुजरता है।नाथू ला पास की तरफ से एक सड़क भी है जिसपर गाड़ियां जा सकती है और यह रास्ता वरिष्ठ नागरिकों के लिए उपयुक्त है जो कठिन ट्रेकिंग करने में असमर्थ हैं। गंगटोक से,होते हुए यह रास्ता हांगू झील जैसे सुंदर जगहों और तिब्बती प्लेटू के बड़े परिदृश्य से होकर गुजरता है। इस रास्ते की कुल अवधि 21 दिनों में है जिसमे दिल्ली में तीन दिनों के लिए शुरुआती काम के लिए हैं।
सिंह ने कहा कि इस बार दो अनुभवी संपर्क अधिकारी, जिनके पास रास्तों का बेहतर ज्ञान है और जो बुजुर्गों की देखभाल करने में सक्षम हैं,वह तीर्थयात्रियों के साथ होंगे।
कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए आवेदक की उम्र 18-70 साल के बीच होना आवश्यक है।एक्सटर्नल अफेयर मिनिस्ट्री के अलावा, गृह और रक्षा मंत्रालयों के साथ-साथ दिल्ली और सिक्किम की सरकार भी तीर्थयात्रा की व्यवस्था करती है।
इस साल होने वाली पवित्र कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए 3 हजार 7 सौ 34 तीर्थयात्रियों ने आवेदन किया है।कैलाश मानसरोवर यात्रा में शामिल होने वाले तीर्थयात्रियों का चयन कम्प्यूटरीकृत ड्रॉ के माध्यम से हुआ है।
मंगलवार को विश्व प्रसिद्ध कैलाश मानसरोवर यात्रा का पहला दल हल्द्वानी पहुंचेगा। पहले दल में यात्रा करने वाले 59 यात्रियों में 42 पुरुष और 17 महिलाएं शामिल हैं।इस साल कुल 18 दल करेंगे कैलाश मानसरोवर की यात्रा।अलग-अलग राज्यों जैसे कि उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, गुजरात, महाराष्ट्र और पंजाब सहित कई राज्यों के यात्री पहले दल में यात्रा करेंगे।कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए पहुंचने वाले यात्रियों के पहुंचने पर उनका स्वागत छोलिया नृत्य और पारंपरिक तरीके से किया जाएगा।साथ ही कुमाऊँनी व्यंजनों के साथ ही बुरांश के जूस का यात्री लेंगे आनंद। हल्द्वानी के बाद कैलाश मानसरोवर यात्रियों का अगला पड़ाव होगा अल्मोड़ा।