देहरादून/रूद्रप्रयाग। जनपद चमोली के लामबगड़ खीरों नदी से पैदल ट्रेक पर निकले नौ ट्रेकर जनपद रुद्रप्रयाग के पनपतिया नामक ग्लेशियर में फंस गए हैं। वहीं ट्रेकिंग के दौरान एक युवक की मौत हो गई, जबकि अन्य ट्रेकर्स सजल सरोवर में रुके हैं। मंगलवार रात से रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है।
ज्ञात रहे कि पांच जून को पश्चिम बंगाल से 23 सदस्य दल मद्महेश्वर ट्रैक पर ट्रेकिंग के लिए आया था। मंगलवार देर रात उत्तराखंड पुलिस को दिल्ली मुख्यालय की ओर से पर्वतारोहियों के फंसे होने की सूचना मिल थी। उसके बाद सुबह एसडीआरएफ की टीम उनके रेस्क्यू के लिए रवाना हो गई थी।
डीसी आर रुद्रप्रयाग द्वारा बताया गया है कि 23 सदस्यीय की टीम जिसमे 9 ट्रेकर 12 पोटर 2 गाइड थे जिसमें एक ट्रेकर अरुण कुमार ग्राम लोहावाड़ा पश्चिम बंगाल उम्र 35 वर्ष की मुत्यु हो गई है। जिसमे गुप्तकाशी से एसडीआरफ व जिला पुलिस के 16 जवानो को एयरलिफ्ट किया गया है। टीम पनपतिया के लिये रवाना हो गई है।
जिला पुलिस, स्थानीय प्रशासन व आपदा प्रबंधन व रांसी गौंडार के स्थानीय युवकों की एक टीम का गठन किया गया है जो मदमहेश्वर के लिए रवाना हो गई है। पुलिस की एक टीम हेलीकॉप्टर से बूढ़ा मदमहेश्वर में ड्रॉप की गई है जो टीम मदमहेश्वर से आठ किमी आगे पहुंची।
प्राथमिक सूचना के आधार पर भारतीय रेलवे विभाग के इंजीनियर अरुण कुमार ग्राम लोहावाड़ा पश्चिम बंगाल (35) की मौत हो गई। यह सूचना दिल्ली स्थित मुख्यालय को दे दी गई है। कुल 9 लोग जो कि बंगाल के निवासी हैं, इनके साथ 12 पोर्टर, 2 गाइड कुल 23 सदस्यीय टीम जो कि दिनांक 5 जून, 2018 से लामबगड़ (जनपद चमोली) खीरों नदी से पैदल ट्रैकिंग करते हुए पनपतिया (जनपद रुद्रप्रयाग में स्थित) नामक ग्लेशियर में फंस गये हैं। वहीं दो पर्वतारोही और दो पोर्टर थाना ऊखीमठ पहुंचने वाले हैं।
हालांकि टीम का कहना है कि मौत का सही कारण जांच के बाद ही सामने आएगा, लेकिन उस रूट पर अधिक बर्फ होने के कारण ठंड से मौत हुई है। अन्य साथियों द्वारा इनके मृत शव सहित सजल सरोवर से आशिकी ताल तक ट्रैक किया गया है। अन्य 19 सदस्य वहीं रुके हुए हैं। रूद्रप्रयाग एसपी पीएन मीणा ने बताया कि एसडीआरएफ की टीम व अन्य सदस्य रेस्क्यू कार्य में लगे हुए हैं।